क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने देश में मंदी की आशंका जताई है. क्रिसिल ने कहा है कि आजादी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. जिससे उबरने में खासा समय लग जाएगा. एजेंसी के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में 5 फीसदी की गिरावट की आशंका है. जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है.
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रेटिंग एजेंसी का कहना है कि महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को इससे उबरने में 3 से 4 साल का समय लग जाएगा. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 25 फीसदी की बड़ी गिरावट की आशंका है. क्रिसिल ने कहा कि आजादी के बाद देश में केवल तीन बार साल ऐसी मंदी का सामना करना पड़ा है.
क्रिसिल के अनुसार, लॉकडाउन के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली है. कोरोना के कारण पर्यटन क्षेत्र का बुरा हाल है. उद्दोग धंधे बंद हैं. रोजगार का अभाव हो गया है. जिसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. गैर-कृषि क्षेत्र में 6 फीसदी की गिरावट आएगी.
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भारतीय अर्थव्यवस्था को कृषि से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. क्रिसिल के अनुसार इसमें 2.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान है. सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जिनका सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है.