Indian Navy: भारत की समुद्री ताकत में वृद्धि होने वाली है. अमेरिका ने भारत को एंटी सबमरीन सोनो बॉय हथियार आपूर्ति की मंजूरी दे दी है. यह आधुनिक हथियार समुद्र में होने वाले हमलों से पनडुब्बी की सुरक्षा करने में मददगार होगा और दुश्मनों की हर हरकत पर नजर भी रखेगा. अमेरिका के साथ हुए समझौते के तहत भारतीय नौसेना में शामिल किए गए मल्टी-मिशन एमएच-60आर सीहॉक हेलिकॉप्टरों के लिए लगभग 443 करोड़ रुपये के सोनोबॉय और संबंधित उपकरणों की खरीद की जायेगी जिससे एमएच-60आर सीहॉक हेलीकॉप्टर की पनडुब्बी तलाश करने की क्षमता काफी बढ़ जाएगी. इसी साल मार्च में भारतीय नौसेना में यह हेलीकॉप्टर शामिल किया गया है, जिसे पनडुब्बी पर हमला करने के लिए एमके-54 टॉरपीडो से लैस किया गया है.
क्या होता है सोनोबॉय
पनडुब्बी की सबसे बड़ी ताकत बिना नजर में आए हमला करने की होती है. ऐसे में अगर दुश्मन के पनडुब्बी का पता समय रहते चल जाए तो उसे नष्ट करना आसान हो जाता है. इस काम में सोनोबॉय मदद करता है. सोनोबॉय पोर्टेबल सोनार सिस्टम है और इसे पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए विमान, हेलिकॉप्टर या युद्धपोत से पानी में डाला जाता है. एक्टिव, पैसिव और स्पेशल पर्पस सोनोबॉय होते हैं.
हिंद महासागर में चीन की चालाकी पर लगेगी रोक
हाल के वर्षों में हिंद महासागर में चीनी नौसेना की सक्रियता काफी बढ़ी है. चीन पर पहले कई बार हिंद महासागर और प्रशांत महासागर क्षेत्र में पनडुब्बी के जरिए जासूसी करने की कोशिश करता रहा है. यही नहीं हाल में चीन ने एक आधुनिक सबमरीन लांच किया है. चीन मनमाने तरीके से कई समुद्री क्षेत्रों पर दावा कर नौसेना का बेस बनाने की भी तैयारी कर रहा है. चीन की समुद्र में बढ़ती हरकत भारत ही नहीं कई अन्य देशों के लिए चिंता का कारण है. ऐसे में भारतीय नौसेना में एंटी सबमरीन के शामिल होने से चीन की साजिशों पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी. मौजूदा समय में भारतीय नौसेना रडार, पी8आई विमान और सी गार्डियन ड्रोन से दुश्मन देशों के हरकत का पता लगाती है. अब सोनोबॉय से पानी के अंदर रहने वाली पनडुब्बियों की भी निगरानी की जा सकेगी.