ISRO: देश के लिए स्पेस क्षेत्र के लिए चंद्रयान 3 की सफलता गर्व का विषय रहा है. इस सफलता के बाद आने वाले समय में चंद्रयान 4 और चंद्रयान 5 मिशन लांच होगा. चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचे वाला भारत पहला देश है. गगनयान मिशन के तहत वर्ष 2025 में स्पेस में पहले भारतीय को भेजा जायेगा. चंद्रयान 3 की सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाने का फैसला लिया है. बुधवार को केंद्रीय कार्मिक, पेंशन, अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष स्पेस डे का विषय चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत मंडपम में आयोजित समारोह की मुख्य अतिथि होंगी. इस मौके पर इसरो के साइंटिफिक सचिव शांतनु भाटवडेकर ने कहा कि स्पेस क्षेत्र के प्रति युवाओं को आकर्षित करने के लिए इसरो देश के सात जोन में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया है. हर जोन में प्रदर्शनी, स्पेस साइंस मेला, सेमिनार का आयोजन किया गया.
स्पेस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहा है भारत
स्पेस क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने के चंद महीनों में ही एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है. इस क्षेत्र में मौजूदा समय में 300 स्टार्टअप काम कर रहे हैं और कई वैश्विक स्तर के बन चुके हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले 10 साल में देश की स्पेस अर्थव्यवस्था में पांच गुणा का इजाफा होगा. हमारी कोशिश वर्ष 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करने और वर्ष 2045 तक भारतीय को चांद पर उतारने का है. नासा-इसरो के सहयोग से अगले साल अप्रैल तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भर सकता है. दो भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभ्रांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्ण नायर, एक्सिओम स्पेस एक्स-4 मिशन के लिए अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं.