ISRO : भारत की स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) अब एक नया कीर्तिमान रचने जा रहा है. ISRO 4 दिसंबर को PROBA-3 मिशन लॉन्च करने जा रहा है. इसकी जानकारी ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी है. इसरो ने एक्स पर लिखा कि PSLV-C59, ESA के PROBA-3 उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाने के लिए तैयार है.
इससे पहले सोमवार को इसरो की की ओर से बताया गया कि PSLV-C59 रॉकेट/ROBA-3 मिशन के लिए लाइव जुड़ें. इस मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) सहयोग कर रही है.
PROBA-3 मिशन के बारे में जानें खास बात
- यूरोप के कई देशों का एक पार्टनरशिप प्रोजेक्ट PROBA-3 मिशन है.
- पार्टनरशिप में स्पेन, पोलैंड, बेल्जियम, इटली और स्विट्जरलैंड शामिल हैं.
- मिशन की कुल लागत लगभग 200 मिलियन यूरो बताई जा रही है.
- PROBA-3 मिशन 2 सालों तक चलेगा.
- पहली बार अंतरिक्ष में ‘प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग’ को टेस्ट किया जाएगा.
- एक साथ दो सैटेलाइट उड़ेंगे, जो लगातार एक ही फिक्स कॉन्फिगरेशन को मेंटेन करेंगे.
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सूर्य के कोरोना की स्टडी की जाएगी
2 मेन स्पेसक्रॉफ्ट से PROBA-3 मिशन को लॉन्च करते हुए आप देख सकेंगे. पहला Occulter है, जिसका वजन 200 KG है. वहीं दूसरा स्पेसक्रॉफ्ट Coronagraph है, इसका वेट 340 KG है. लॉन्चिंग के बाद दोनों सैटेलाइट अलग होंगे. बाद में इन्हें एक साथ पोजिशन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य सोलर कोरोनाग्राफ बनाना है. यह सूर्य के कोरोना की स्टडी करेंगे. यदि आप कोराना शब्द का अर्थ नहीं समझते तो बता दें कि सूर्य के बाहरी एटमॉस्फियर को सूर्य का कोरोना कहते हैं.