नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन में छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया ने टेली-काउंसलिंग सेवा शुरू की है.
विश्वविद्यालय के काउंसलिंग एवं गाइडेंस सेंटर द्वारा शुरू की गयी इस सेवा के माध्यम से जामिया के शिक्षण व गैर-शिक्षण स्टाफ और छात्रों को कोरोना वायरस के चलते उत्पन्न हुए तनाव को कम करने के लिए सहयोग प्रदान किया जायेगा. इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के जामिया टीचर्स एसोसिएशन (जेटीए) के सभी सदस्य स्वेच्छा से महामारी से लड़ने के प्रयासों में योगदान देने के लिए अपना एक दिन का वेतन दान करेंगे.
जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने 29 मार्च को एक पत्र लिखकर सभी जामिया कर्मचारियों से प्रधानमंत्री राहत कोष में अपने एक दिन के वेतन का योगदान देने की अपील की थी. जेटीए कार्यकारी समिति ने सभी शिक्षकों से अप्रैल महीने के वेतन से योगदान करने का आग्रह किया था, जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जतायी है.
इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है. 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से पूरा देश ठहर गया है, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो रहा है. आपदा की इस स्थिति में विभिन्न संस्थान अपने स्तर पर सहयोग व फंड देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं. जामिया ने अपने इस प्रयास से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में साथ देने की दिशा में अहम कदम उठाया है.