जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के घनी आबादी वाले इलाके में मंगलवार को, सुरक्षा बलों के साथ 15 घंटे चली मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए. इनमें से एक जुनैद अशरफ खान ‘सेहराई’ है जिसका पिता अलगाववादी गुट तहरीक-ए-हुर्रियत का प्रमुख है.
अधिकारियों ने बताया कि खान ने कश्मीर विश्वविद्यालय से एमबीए किया था और मार्च 2018 में आतंकवाद में शामिल हो गया था. घाटी लौटने और हिज़्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने से पहले वह दिल्ली में कई बहु-राष्ट्रीय कंपनियों में काम कर चुका था.
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बताया जा रहा है कि जुनेद अपने पिता ‘सेहराई’ की अलगाववादी राजनीति से प्रेरित था और उसी का अनुसरण करता था. जुनेद 2017-18 में आतंकवादी बना, जब कई पढ़े-लिखे युवा आतंकवाद के रास्ते पर जा रहे थे. जुनेद किस अलगाववादी नेताका पहला बेटा था, जिसने आतंकवाद की राह चुनी.
माना जाता है कि जुनेद के पीएचडी स्कॉलर मन्नान वानी की मौत से पहले कुछ महीने तक अच्छे संबंध थे जो अक्टूबर 2018 में मारा गया था. छह भाई-बहनों में सबसे छोटे जुनेद का 2010 में पत्थरबाजी के एक मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी में पहली बार नाम सामने आया था. उस समय वह 22 साल का था.
कट्टरपंथी सोच से प्रेरित माने जाने वाला जुनेद अपनी नौकरी से तालमेल नहीं बैठा पा रहा था और उसने अपने पिता की मदद करने का फैसला लिया. जुनेद के पिता ने पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के खिलाफ मोर्चा खोला था और वह कट्टर अलगाववादी संगठन माने जाने वाले तहरीक-ए-हुर्रियत पर अपना नियंत्रण चाहता था.
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जुनेद 23 मार्च 2018 को लापता हो गया था और फिर कभी नहीं लौटा. उसके पिता ने अगले दिन सद्दर पुलिस थाने में अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. इसके कुछ सप्ताह बाद जुनेद की तस्वीर सोशल मीडिया पर आई. वह एके-47 लहरा रहा था और उस पोस्ट में ‘अम्मर भाई’ नाम का जिक्र था. सेहराई ने अपने बेटे से लौटने की अपील करने के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एस पी वैद के सुझाव को ठुकरा दिया था.
श्रीनगर में मुठभेड़ में आतंकवादी ढेर : जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के नवाकदल इलाके में सुरक्षा बलों ने मंगलवार को मुठभेड़ में दो आतंकवादी को मार गिराया गया जबकि दो सुरक्षा कर्मी जख्मी हो गए. पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सोमवार रात को पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.