12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jammu & Kashmir: पाकिस्तान में रह रहे 13 आतंकवादी भगोड़ा घोषित, संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई शुरू

अधिकारियों ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 के तहत नोटिस स्थानीय पुलिस की विशेष जांच इकाइयों (एसआईयू) द्वारा घोषणा करवाने के साथ किश्तवाड़ के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादियों के परिवारों को दिया गया.

जम्मू कश्मीर की एक अदालत ने पाकिस्तान में रह रहे 13 आतंकवादियों को भगोड़ा घोषित कर दिया है, जिससे 30 दिनों के भीतर अदालत में पेश होने में विफल रहने पर उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का रास्ता साफ हो गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

सीआरपीसी की धारा 82 के तहत की गई कार्रवाई

अधिकारियों ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 के तहत नोटिस स्थानीय पुलिस की विशेष जांच इकाइयों (एसआईयू) द्वारा घोषणा करवाने के साथ किश्तवाड़ के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादियों के परिवारों को दिया गया. किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) खलील पोसवाल ने कहा कि सीमा पार से काम कर रहे और जिले में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के बार-बार प्रयास कर रहे 13 स्थानीय आतंकवादियों को पहले भी जारी गैर जमानती वारंट पर जवाब देने में विफल रहने के बाद भगोड़ा घोषित कर दिया गया.

इसी साल मार्च में एनआईए ने जारी किया था वारंट

भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पिछले साल किश्तवाड़ थाने में दर्ज आतंक से संबंधित मामले में मार्च में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा वारंट जारी किए गए थे.

Also Read: Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले पर राजनीति तेज, ‘इंडिया’ ने बीजेपी के जश्न पर उठाया सवाल

30 दिनों के बाद कुर्की की कार्रवाई होगी शुरू

एसएसपी ने बताया, अगर ये भगोड़े आतंकी 30 दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने में विफल रहते हैं, तो अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 83 के तहत उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही शुरू की जाएगी. डोडा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट-ट्रैक कोर्ट) सुदेश शर्मा ने भगोड़े आतंकवादियों के उनके जन्मस्थान पर चस्पा उद्घोषणा नोटिस में कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, जम्मू की अदालत द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट इस रिपोर्ट के साथ वापस कर दिए गए थे कि आरोपी नहीं मिले.

लिस्ट में ये आतंकवादी हैं शामिल

अधिकारियों ने कहा कि उद्घोषणा हुल्लर के शाहनवाज कंठ उर्फ उमर, जामिया मस्जिद किश्तवाड़ के नईम अहमद उर्फ अमीर, किचलू बाजार के पास के इलाके के मोहम्मद इकबाल उर्फ बिलाल, चिरूल के शाहनवाज उर्फ नईम और कुंडली पोचाल के जाविद हुसैन गिरि उर्फ मुजम्मिल समेत अन्य के खिलाफ उद्घोषणा जारी की गई. उन्होंने कहा कि सूची में जुगना केशवान के बशीर अहमद मुगल, गाजी-उल-दीन और सत्तार दीन उर्फ सैफुल्ला, बंदेरना के इम्तियाज अहमद उर्फ दाऊद, किथर बोंजवाह के शब्बीर अहमद, पटनाजी बोंजवाह के मोहम्मद रफीग कीन, जेवर के मुजफ्फर अहमद और अफानी पैडर के आजाद हुसैन भी शामिल हैं.

Also Read: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा-क्या जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर कोई समय सीमा तय है?

एसआईए ने जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए छापे मारे

विशेष जांच एजेंसी (एसआईए) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के आतंकवादियों के प्रयासों की जानकारी मिलने के बाद जिले के ऊपरी इलाकों में छापे मारे. पुलिस के एक अधिकार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की आतंकवाद निरोधक शाखा एसआईए के जांचकर्ताओं ने पौनी और माहौर तहसील में छापेमारी इन खुफिया रिपोर्ट के आधार पर की कि ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ (ओजीडब्ल्यू) राष्ट्र-विरोधी तत्वों को रसद सहायता एवं जानकारी मुहैया करा रहे हैं.

आतंकवादियों को साजो-सामान उपलब्ध कराने वाले होते हैं ओजीडब्ल्यू

ओजीडब्ल्यू वे लोग होते हैं, जो आतंकवादियों को साजो-सामान उपलब्ध कराते हैं और गुप्त गतिविधियों के संचालन में उनकी मदद करते हैं. अधिकारी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं. रियासी में एक दशक से भी अधिक समय पहले आतंकवाद का खात्मा कर दिया गया था, लेकिन पिछले कुछ वक्त से ऊपरी इलाकों में आतंकवादियों की कथित गतिविधियां देखी जा रही हैं. इस साल निकटवर्ती राजौरी और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास और भीतरी इलाकों में अलग-अलग मुठभेड़ों में 25 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया जा चुका है. रियासी जिले के गली सोहाब गांव में चार सितंबर को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया था, जबकि एक अन्य आतंकवादी भाग गया था. अधिकारी के अनुसार, कुछ ओजीडब्ल्यू ऐसे हैं, जो सीमा पर ‘गाइड’ के रूप में काम कर रहे हैं, वे विभिन्न मोबाइल ऐप के जरिये पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं के संपर्क में रहते हैं और आतंकवादियों को रसद संबंधी सहायता प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ये आतंकवादी रियासी के अंदरूनी इलाकों में अपनी गतिविधियां फिर से शुरू करने के लिए बेचैन हैं.

आतंकवादियों के पास से हथियार बरामद

एसआईए पिछले साल गिरफ्तार किए गए दो आतंकवादियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामले की पहले से ही जांच कर रही है. उसने एक अदालत से तलाशी वारंट हासिल किया और एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में छापेमारी की. रियासी के एक गांव में लोगों ने दो आतंकवादियों-राजौरी के तालिब हुसैन शाह और पुलवामा के उसके कश्मीरी सहयोगी फैसल अहमद डार-को पकड़ लिया था और पुलिस को सौंप दिया था. तालिब और फैसल के पास से दो एके असॉल्ट राइफल, एक पिस्तौल, सात ग्रेनेड और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें