Jammu Kashmir Terror Attacks: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के राजौरी में हाल ही में हुए आतंकी हमलों की जांच एनआईए (NIA) को सौंप दी गई है. केंद्र सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा (LET) की मिलीभगत भी उजागर होगी. बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के दो बच्चों सहित सात लोगों को इस साल की शुरुआत में राजौरी के धनगरी गांव में गोली मार दी गई थी.
इनपुट बताते हैं कि हमलावर लाहौर स्थित लश्कर समूह के थे, जिसका नेतृत्व पाकिस्तानी सैफुल्ला साजिद जट और उनकी कश्मीरी पत्नी कर रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में बैठे दहशतगर्द राजौरी और पुंछ जिलों में हिंदू समुदाय को निशाना बनाने की फिराक में रहे हैं. समझा जाता है कि पाकिस्तान से हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी (HuJI) आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है. इसके चीफ नसीरुल्ला मंसूर ने राजौरी और पुंछ क्षेत्र में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के अलावा कुवैत एवं कतर में फंड एकत्रित कर ग्रुप गतिविधियों का विस्तार किया है.
पाकिस्तान आधारित हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी के दहशतगर्द शमशेर नाई, इमरान जफरवाल, रफीक नाई राजौरी-पुंछ-मेंढर सेक्टरों में नार्को-टेरर फाइनेंस मॉड्यूल चलाने में शामिल रहे हैं. इसके अलावा, इन्होंने युवाओं को आतंकी बनाने के भर्तियां की. साथ ही घुसपैठ गतिविधियों का समन्वय करने में भी शामिल रहे. एनआईए को जांच सौंपे जाने का कारण एफआईआर के अलावा आतंकी हमलों के पीछे की साजिश को उजागर करना है, क्योंकि अधिकांश हमले सीमा पार से किए जा रहे हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में जम्मू में हुई सभी आतंकी घटनाओं की भी एनआईए जांच करेगा और जम्मू कश्मीर पुलिस जांच में सक्रियता से सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि हमने राजौरी घटना की जांच एनआईए को सौंप दी है. शाह ने सुरक्षा एजेंसियों और जम्मू कश्मीर के शीर्ष अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक भी की. सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें बताया कि वे किसी भी स्थिति से निपटने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए 100 फीसदी तैयार हैं.
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