16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jammu Kashmir Terrorist Attack:आखिर आतंकी क्यों कर रहे हैं स्टील बुलेट का प्रयोग

Jammu Kashmir Terrorist Attack: कश्मीर में आतंकी बख्तरबंद वाहन और बुलेट प्रूफ जैकेट को भेदने के लिए व्यापम पैमाने पर करे रहे हैं स्टील बुलेट का इस्तेमाल. यह बुलेट अधिक नुकसान पहुंचाने में हैं कारगर पिछले हफ्ते कश्मीर के पुंछ और राजौरी में भारतीय सेना के काफिले पर आतंकियों के हमले में एक वायु सेना का […]

Jammu Kashmir Terrorist Attack: कश्मीर में आतंकी बख्तरबंद वाहन और बुलेट प्रूफ जैकेट को भेदने के लिए व्यापम पैमाने पर करे रहे हैं स्टील बुलेट का इस्तेमाल. यह बुलेट अधिक नुकसान पहुंचाने में हैं कारगर

पिछले हफ्ते कश्मीर के पुंछ और राजौरी में भारतीय सेना के काफिले पर आतंकियों के हमले में एक वायु सेना का जवान शहीद हो गया और चार से अधिक जवान घायल हैं. मौजूदा समय में कश्मीर घाटी में पुंछ और राजौरी आतंकी गतिविधि का केंद्र बने हुए हैं. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की सख्ती को देखते हुए आतंकियों ने हमले का तरीका बदला है. अब आतंकी छुपकर हमला करते हैं और घने जंगलों में फरार हो जाते हैं. आतंकवादियों से निपटने के लिए भारतीय सेना की पुख्ता तैयारी के बावजूद सेना के काफिले पर हमला सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. खास बात है कि आतंकी हमले के लिए स्टील बुलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्टील बुलेट बख्तरबंद गाड़ियों और बुलेट प्रूफ जैकेट को भेदने में कामयाब होती है. इस बुलेट से नुकसान अधिक होता है. पहली बार इस बुलेट का इस्तेमाल फ्रांस ने वर्ष 1986 में किया था. अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक ऐसी ही बुलेट का इस्तेमाल कर रहे थे. 

क्या होती है स्टील बुलेट

स्टील बुलेट आम बुलेट से थोड़ा अलग होती है. यह एक खास तरह की स्टील से बनायी जाती है, जिसके कारण यह अन्य बुलेट के मुकाबले अधिक घातक होती है. आतंकियों का पसंदीदा हथियार एके-47 राइफल रहा है. ऐसे राइफल में इस्तेमाल की जाने वाली बुलेट में आगे का हिस्सा तांबे का बना होता है और इससे चलने वाली गोली बुलेट प्रफू स्टील या कांच के भेदने में सक्षम नहीं होती है. लेकिन स्टील बुलेट एक खास तौर पर तैयार स्टील से बनायी जाती है और यह बुलेट छह से सात इंच मोटी स्टील की चादर या बुलेट प्रूफ जैकेट को भी आसानी से भेद सकती है. 

क्या है भारत की तैयारी

कश्मीर में आतंकियों द्वारा स्टील बुलेट का इस्तेमाल पहली बार नहीं किया गया है. वर्ष 2016 में पुलवामा हमले में इसका इस्तेमाल किया गया था. फिर दिसंबर 2017 और जून 2019 में भी आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला करने के लिए स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया था. आतंकियों की गिरफ्तारी पर उनके पास से स्टील बुलेट्स भी बरामद हुए हैं. मौजूदा समय में चीन इस बुलेट का व्यापक पैमाने का उत्पादन कर रहा है. चीन ने यह तकनीक पाकिस्तान को भी मुहैया कराया है और पाकिस्तान इस आतंकियों को दे रहा है. स्टील बुलेट से निपटने के लिए भारतीय सेना ग्रेड-4 के बुलेट प्रूफ जैकेट को खरीद रही है. वर्ष 2022 में ऐसे लगभग 60 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदने का ऑर्डर दिया जा चुका है. साथ ही डीआरडीओ भी किसी तरह के बुलेट से निपटने वाले बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण करने की दिशा में काम कर रहा है. 

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें