मध्य प्रदेश में मोहन यादव की अगुआई में बीजेपी की सरकार काम करना शुरू कर दी है. सीएम की कुर्सी में बैठते ही मोहन यादव ताबड़तोड़ फैसले भी ले रहे हैं. इधर राज्य में फोटो पर सियासित शुरू हो चुकी है. दरअसल विधानसभा कक्ष से देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर को हटा दिया गया है और उसकी जगह पर बाबासाहेब की तस्वीर को लगाया गया है. इसी बात को लेकर कांग्रेस नाराज हो गई और विधायक लगातार हंगामा कर रहे हैं.
बीजेपी इतिहास को मिटाना चाहती है : कांग्रेस
विधानसभा सभा कक्ष में स्पीकर की कुर्सी के पीछे दो तस्वीरें लगी हैं, जिसमें एक महात्मा गांधी की और दूसरी नेहरू की थी, जिसे हटाकर बाबासाहेब की लगा दी गई है. इसी पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस ने बीजेपी पर इतिहास मिटाने का गंभीर आरोप लगाया है. कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट डाला और बीजेपी पर आरोप लगाया और नेहरू की तस्वीर हटाने की निंदा की. उन्होंने लिखा, देश का दुर्भाग्य है कि भाजपा आज सत्ता में है जो रात दिन इतिहास को मिटाने में लगी है. नेहरू जी की तस्वीर को मध्य प्रदेश विधानसभा में से हटाने की हम निंदा करते हैं. जो तस्वीर देश के पहले प्रधानमंत्री की कई दशक से विधानसभा में लगी हुई थी उसको हटाना भाजपा की मानसिकता दर्शाता है. तस्वीर को तुरंत लगाया जाये नहीं तो कांग्रेस पार्टी नेहरू जी की तस्वीर को उसी जगह खुद लगाएगी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी की नीयत पर उठाया सवाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया और लिखा, विधानसभा में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का चित्र लगाने का हम स्वागत करते हैं. लेकिन राष्ट्र निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू का चित्र हटाने का हम विरोध करते हैं और कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हैं. अगर भाजपा सरकार की नीयत साफ होती तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और राष्ट्र निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ ही संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का चित्र लगा सकती थी. लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माता का अपमान करना भाजपा का संस्कार है, इसीलिए पंडित नेहरू का चित्र हटाया गया.
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मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र
मध्य प्रदेश की नव-निर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से आरंभ हुआ. चार दिवसीय सत्र के दौरान नव-निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई.
विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 230 में से 163 सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि विपक्षी कांग्रेस को 66 और भारत आदिवासी पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी.