नई दिल्ली : भारत में राष्ट्रपति चुनाव के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की प्रत्याशी और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू नामांकन के बाद समर्थन देने के लिए राजनीतिक दलों से अपील कर रही हैं. वहीं, विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर समर्थन पाने के लिए जोर लगा रहे हैं. इस बीच, खबर है कि कर्नाटक की जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दे सकती है. हालांकि, अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई, लेकिन कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी जल्द ही इसका ऐलान करेंगे.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नीत एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन दे सकती है. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवारों (द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा) की पृष्ठभूमि को देखने के बाद जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने जेडीएस के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा से समर्थन मांगा है और उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए समय भी मांगा है.
पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू पहले ही हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष (देवेगौड़ा) से दो बार फोन पर चर्चा कर चुकी हैं और समर्थन का अनुरोध कर चुकी हैं. साथ ही, उन्होंने मिलने के लिए समय मांगा था. मैंने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वर्तमान स्थिति में उन्हें व्यक्तिगत रूप से आने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के पास पहले से ही बहुमत है और उन्होंने सद्भावना और उदारता से देवेगौड़ा का समर्थन लेने की इच्छा व्यक्त की है.
एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि वह पहले ही जीत चुकी हैं. उन्हें इतनी दूर आने की जरूरत नहीं है. हम पार्टी में फैसला करेंगे. आप (मीडिया) अब तक समझ गए होंगे कि हमारा फैसला क्या हो सकता है. अंतिम फैसला लेने से पहले हम दोनों उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि पर गौर करेंगे. यहां कांग्रेस, भाजपा या किसी बी-टीम का कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने मुर्मू की पृष्ठभूमि और उनका संघर्ष देखा है.
उधर, निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वालों के लिए 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदकों का होना अनिवार्य कर दिया है. प्रस्तावक और अनुमोदक निर्वाचक मंडल के सदस्य होने चाहिए. इसके साथ ही यदि कोई उम्मीदवार 15,000 रुपये नकद का भुगतान नहीं करता है या भारतीय रिज़र्व बैंक या सरकारी कोष में जमा कराई इस राशि की रसीद नहीं दिखा पाता है, तो भी उसका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा. जमानत राशि के भुगतान के लिए ‘चेक’ और ‘डिमांड ड्राफ्ट’ स्वीकार्य नहीं है.
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राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है और अभी तक कुल 115 नामांकन दाखिल किए गए हैं. नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा शामिल हैं. इनके अलावा, कई आम लोगों ने भी देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए नामांकन दाखिल किए हैं. इनमें मुंबई में झुग्गी-बस्ती में रहने वाले एक व्यक्ति, राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव के एक हमनाम, तमिलनाडु के एक सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली के एक प्राध्यापक शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि कुल 115 में से 28 नामांकन उम्मीदवारों के नाम के साथ मतदाता सूची प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण खारिज कर दिए गए. शेष नामांकनों की जांच गुरुवार को की जाएगी.