16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जस्टिस अरुमुघस्वामी आयोग जयललिता की मौत पर सरकार को सौंपी रिपोर्ट, भतीजा-भतीजी ने जताया हालात पर संदेह

दिवंगत मुख्यमंत्री की विश्वासपात्र वीके शशिकला ने 2018 में अपने वकील के माध्यम से एक हलफनामा दायर किया था. पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा गठित अरुमुघस्वामी जांच आयोग ने 22 नवंबर 2017 को मामले की तफ्तीश शुरू की थी.

चेन्नई : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत पर जस्टिस अरुमुघस्वामी आयोग ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. मीडिया से बात करते हुए आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुमुघस्वामी ने कहा कि आयोग ने जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर अपनी जांच पूरी की है. इस दौरान करीब 150 गवाहों से बातचीत की गई. उनकी बात सुनने के बाद अंग्रेजी में 500 और तमिल में 600 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि केवल सरकार ही रिपोर्ट प्रकाशित करने का फैसला कर सकती है. रिपोर्ट में सभी संबंधित पहलुओं का उल्लेख किया गया है.

जांच संतोषजनक

जस्टिस अरुमुघस्वामी ने कहा कि यह जांच उनके लिए ‘संतोषजनक’ थी और कई लोगों ने महसूस किया कि आयोग ने ‘अदालत की तरह काम किया.’ आयोग के सामने बयान देने वालों में अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ओ पनीरसेल्वम, जयललिता की भतीजी दीपा और भतीजे दीपक, डॉक्टर, टॉप अधिकारी और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) केसी विजयभास्कर (पूर्व स्वास्थ्य मंत्री), एम थंबी दुरई, सी पोन्नइयन और मनोज पांडियन शामिल हैं. भतीजी दीपा और भतीजा दीपक ने अपनी मौसी की मौत की परिस्थितियों पर संदेह जताया था.

वीके शशिकला ने दायर किया था हलफनामा

दिवंगत मुख्यमंत्री की विश्वासपात्र वीके शशिकला ने 2018 में अपने वकील के माध्यम से एक हलफनामा दायर किया था. पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा गठित अरुमुघस्वामी जांच आयोग ने 22 नवंबर 2017 को मामले की तफ्तीश शुरू की थी. जस्टिस अरुमुघस्वामी मद्रास हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं. शशिकला का हलफनामा अन्य बातों के अलावा जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थितियों से संबंधित था.

Also Read: Thalaivi Trailer : कंगना रनौत की ‘थलाइवी’ का ट्रेलर रिलीज, जयललिता के सफर को पर्दे पर जीवंत करती दिखीं एक्‍ट्रेस, VIDEO
75 दिनों तक अपोलो अस्पताल में भर्ती रही थीं जयललिता

दिवंगत मुख्यमंत्री पांच दिसंबर 2016 को मौत से पहले 75 दिनों तक अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं. हाल की कार्रवाई के दौरान अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों के एक चिकित्सकीय बोर्ड को जयललिता को दिए गए उपचार के बारे में जानकारी दी. एम्स की समिति ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत चिकित्सा पहलुओं को समझने में आयोग की मदद करने के लिए वर्चुअल माध्यम से कार्यवाही में हिस्सा लिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें