नरेंद्र मोदी सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया को फिर एक बार मंत्री बनाया गया है. सिंधिया ने 2024 आम चुनाव में गुना संसदीय सीट से जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के यादवेंद्र राव देसराज सिंह को पांच लाख से अधिक मतों के भारी अंतर हराया है. आपको बता दें कि पहले सिधिंया कांग्रेस में भी रह चुके हैं. जानें उनसे जुड़ी खास बातें
- -ग्वालियर राजघराने से नाता रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंघिया का पिछले काफी समय से ग्वालियर-चंबल संभाग की चुनावी राजनीति में अच्छा दबदबा माना जाता है.
- -राजमाता विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और वसुंधरा राजे सिंधिया के वंश से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीति का ककहरा परिवार में ही सीखा.
- -ज्योतिरादित्य सिंघिया ने अपने दिवंगत पिता माधव राव सिंधिया के निधन के बाद 2002 में गुना लोकसभा सीट जीतकर चुनावी राजनीति में दस्तक दी थी. पिता की विमान दुर्घटना में मृत्यु के बाद उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी. उस वक्त ज्योतिरादित्य 31 साल के थे.
- -ज्योतिरादित्य सिंघिया 2007 में कांग्रेस नीत यूपीए-1 सरकार में संचार राज्य मंत्री बने. साल 2009 में सिंघिया वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री बने और 2012 में उन्हें यूपीए-2 में ऊर्जा राज्यमंत्री नियुक्त किया गया.
- -2014 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने उन्हें लोकसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया था.
- -ज्योतिरादित्य सिंघिया के लिए लोकसभा चुनाव 2019 काफी उलट-फेर वाला साबित हुआ क्योंकि वह गुना सीट पर अपने ही पूर्व सहयोगी डॉ के पी यादव (बीजेपी) से हार गये.
- -कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सिंधिया ने 10 मार्च 2020 को कांग्रेस छोड़ी थी और 11 मार्च 2020 को बीजेपी में शामिल हुए थे.
- -पाला बदलकर बीजेपी में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंघिया मध्यप्रदेश की राज्यसभा में निर्वाचित हुए और उन्हें केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में नागर विमानन जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया गया.
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एक जनवरी, 1971 को जन्मे ज्योतिरादित्य सिंघिया ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की. सिंधिया वर्तमान में सिंधिया स्कूल के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हैं. पिछले वर्ष अक्तूबर में इसी स्कूल की स्थापना के 125वें वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था.