मध्य प्रदेश में इस बार कांटे की टक्कर होती नजर आ रही है. इस बीच प्रदेश का एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी चर्चा सबकी जुबान पर है. जी हां..उस क्षेत्र का नाम है छिंदवाड़ा…जहां तीन दिवसीय प्रवास पर कांग्रेस ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ पहुंचे हैं. आपको बता दें कि मार्च के महीने में इस इलाके में खुद बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह पहुंच चुके हैं. चुनाव के पहले बीजेपी प्रदेश में सक्रिय नजर आ रही है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने छिंदवाड़ा में आमसभा की थी और आदिवासियों और दलितों का मुद्दा उठाया था.
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के पांच दशकों तक गढ़ रहे छिंदवाड़ा में आमसभा करके अमित शाह ने उन्हें घेरने का प्रयास किया लेकिन अब देखना है कि शाह का जादू इस इलाके में कितना नजर आता है. शाह ने इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में मतदान कर लोगों से राज्य और केंद्र में फिर से बीजेपी की सरकार बनाने का आह्वान किया है.
छिंदवाड़ा पर एक नजर: आइए एक नजर छिंदवाड़ा पर डालते हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहली दफा छिंदवाड़ा से 1980 में लोकसभा के लिए चुने गये थे और 1997 में उपचुनाव में उनकी एकमात्र पराजय के साथ उन्होंने कई दफा इस लोकसभा सीट से जीत का परचम लहराया. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटों में से 28 सीटें जीतने में कामयाब रही लेकिन छिंदवाड़ा से कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ ने 35 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की. आपने किले को मजबूत करने के लिए पिता-पुत्र इलाके में खासे सक्रिय नजर आते हैं.
हर वर्ग के वोट पर नजर : कांग्रेस प्रदेश में खासी सक्रिय नजर आ रही है. इस क्रम में कांग्रेस नेता कमलनाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर एवं कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पाठ इसी महीने करवाया है. इसका फोटो और वीडियो सामने आया था. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर एवं कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का अपने गढ़ छिंदवाड़ा में अपने बेटे एवं सांसद नकुलनाथ के साथ आरती उतारकर स्वागत किया था जिसकी तस्वीर सामने आयी थी.
यदि आपको याद हो तो कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में सरकार बनायी. इसके बाद कुछ महीने सरकार चली लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति निष्ठावान विधायकों के विद्रोह के कारण मार्च 2020 में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गयी. कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बना ली.