कांवड़ यात्रा के रूट पर रेस्तरां, ढाबों को मालिक का नाम लिखने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी रहेगी. दरअसल, यूपी सरकार ने नाम लिखे जाने के आदेश को सही ठहराया था और कोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया था जिसको शीर्ष कोर्ट ने खारिज कर दिया है. एफिडेविट में कहा गया था कि इस आदेश का उद्देश्य शांति बनी रहे, इस वजह से दिया गया था. हम लोगों की आस्था का सम्मान करना चाहते हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी ऐसा किया गया था. हालांकि योगी सरकार की इस दलील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसका मतलब दिल्ली बॉर्डर से हरिद्वार तक कांवड़ यात्रा के रूट पर खाने के दुकानों पर नाम लिखने के आदेश पर लगी सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी रहेगी.
किसी को भी नाम बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की सरकारों के उस फैसले पर अंतरिक रोक लगी रहेगी, जिसके तहत कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित खाने के दुकानों के मालिकों का नाम लिखने को कहा गया था. कोर्ट ने तीनों प्रदेश के ऐसे दुकानों को नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक लगाने के 22 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण जारी करने से इनकार किया. मालिकों के नाम लिखने के आदेश पर रोक के संबंध में शीर्ष कोर्ट ने कहा कि 22 जुलाई के आदेश में जो कहा जाना चाहिए था, हमने वह कह दिया है. किसी को भी नाम बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
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