Karnataka news: कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग लगातार वायरस और इससे जुड़ी जानकारी के लिए किया. ऐसे में कई बार गलत जानकारी से लोगों को काफी नुकसान भी उठाने पड़े. वहीं, कोरोना से जुड़ी भ्रामक जानकारी पर कर्नाटक सरकार ने सख्त कदम उठाया है. कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने इसपर संज्ञान लेते हुए कहा कि यह सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ चिकित्सक, विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर जनता से संवाद करते हुए कोविड-19 के बारे में अधूरी, गलत और निराधार जानकारी दे रहे हैं.
Any misinfo/non-factual data on #COVID19 shared on any media/social platform would be deemed as an offence&necessary action would be initiated as per Sec 54 of Disaster Mgmt Act, 2005 & Sec 4(k) of Karnataka Epidemic Diseases Act, 2020: Health & Family Welfare Services, Karnataka
— ANI (@ANI) January 18, 2022
कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने इसे अपराध की श्रेणी में रखते हुए इसके लिए सजा का प्रावधान किया है. राज्य सरकार ने कहा कि किसी भी मीडिया/सोशल प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए किसी भी गलत सूचना/गैर-तथ्यात्मक डेटा को अपराध माना जाएगा और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 और कर्नाटक महामारी रोग अधिनियम, 2020 की धारा 4 (के) के अनुसार आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी.
आपको बता दें कि कई देशों में पहले से ही इस तरह के कानून पहले से ही हैं. भारत में नकली समाचारों के खतरे से निपटने के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं बनाए गए हैं, लेकिन हमारे पास अभी भी भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत मौजूदा कानूनी प्रावधान हैं, जिन्हें गलत सूचना को लेकर लागू किया जा सकता है. दरअसल कोरोना महामारी के इस दौर में वायरस नए नए रूप बदलकर लोगों को अपने चपेट में ले रहा है.. जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ गई है. ऐसे में सही और सटिक जानकारी के अभाव में किसी भी तरह का उपचार लोगों को मुश्किल में डाल सकती है. इसके अलावा कोई भी गैर तथ्यात्मक बातों से लोगों में भय का माहौल बनता है.