Kerala News: केरल राज्य द्वारा अपना विदेश सचिव नियुक्ति करने की खबर कल से ही सुर्खियों में बनी हुई है. भाजपा कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल LDF पर निशाना साध रहे है. केरल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आईएएस अधिकारी के वासुकी को विदेश सचिव नियुक्त करने की सूचना पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केरल सरकार “सरासर अतिक्रमण” है और संविधान की संघ सूची का उल्लंघन है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए सुरेंद्रन ने लिखा, “केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा एक आईएएस अधिकारी को विदेश सचिव के रूप में नियुक्त करना हमारे संविधान की संघीय सूची का घोर उल्लंघन है.” अब इस मामले में सियासी बयानबाजी के बीच केरल सरकार ने अपना स्पष्टीकरण दिया है.
आईएएस के वासुकी को दिया गया था विदेश मामलों का अतिरिक्त प्रभार
आईएएस अधिकारी के वासुकी वर्तमान में राज्य के श्रम और कौशल विभाग की सचिव हैं. के वासुकी को 15 जुलाई के सरकारी आदेश द्वारा विदेश से जुड़े मामलों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. आदेश में यह भी गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग विदेशी सहयोग से संबंधित विषयों से निपटेगा एवं वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वासुकी की सहायता करेगा. इस आदेश में आगे कहा गया था कि वासुकी विदेश मंत्रालय, दूतावास और अलग- अगन मिशनों से संपर्क बनाए रखेंगी. इसमें नई दिल्ली स्थित केरल हाउस के कमिश्नर वासुकी को सहयोग करेगा.
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केरल के मुख्य सचिव डॉ वी वेणु ने दिया इस खबर पर स्पष्टीकरण
केरल के मुख्य सचिव डॉ वी वेणु ने एक बयान जारी करते हुए साफ कर दिया है कि कि राज्य में ‘विदेश सचिव’ जैसा कोई पद नहीं है. उन्होंने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया. इसके साथ ही डॉ वी वेणु ने उस मीडिया रिपोर्ट की आलोचना भी की जिसमे कहा गया था कि सरकार ने राज्य में एक आईएएस अधिकारी को ‘विदेश सचिव’ नियुक्त किया है. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग इस बुनियादी तथ्य से अंजान नहीं हैं कि विदेशी मामले केंद्र सरकार का विषय हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह खबर फर्जी है. उन्होंने कहा कि हकीकत ये है कि राज्य सरकार ने कुछ समय पहले वाणिज्यिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए विदेशी एजेंसियों, बहुपक्षीय संस्थानों और दूतावासों के साथ बातचीत के कॉर्डिनेशन के लिए विदेशी सहयोग का एक प्रभाग बनाया था.