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खालिस्तान समर्थकों को झटका, कनाडा में रद्द हुआ विवादित जनमत संग्रह

कुछ दिन पहले, जनमत संग्रह और इस उद्देश्य के लिए एक सरकारी स्कूल का इस्तेमाल किए जाने से परेशान भारतीय-कनाडाई लोगों ने स्कूल बोर्ड से शिकायत की थी. जानें इसके बाद स्कूल की ओर से क्या लिया गया फैसला...

‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ के आयोजकों को रविवार को जोरदार झटका लगा है. जानकारी के अनुसार कनाडाई अधिकारियों ने एक पब्लिक स्कूल में मतदान कराने की अनुमति वापस ले ली. इस संबंध में अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स ने खबर प्रकाशित की है. जनमत संग्रह 10 सितंबर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर के तमनविस सेकेंडरी स्कूल में निर्धारित किया गया था. हालांकि, सरे डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि किराये समझौते का उल्लंघन किया गया जिसकी वजह से इसे रद्द कर दिया गया है.

अनुमति वापस लेने का स्पष्ट कारण बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के प्रचार सामग्री में हथियार की तस्वीर के साथ-साथ स्कूल की तस्वीरें भी थीं. जनमत संग्रह के पोस्टर में वास्तव में एक एके-47 मशीन गन के साथ-साथ कृपाण को भी दर्शाया गया था. खबरों की मानें तो इसको लेकर आपत्ति जताई गई जिसके बाद भी कार्यक्रम के आयोजक इन संबंधित तस्वीरों को हटाने में विफल रहे और कार्यक्रम से संबंधित इस पोस्टर को सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट किया जाता रहा.

स्कूल की ओर से कहा गया है कि निर्णय के बारे में कार्यक्रम आयोजकों को खबर दे दी गई है. एक स्कूल के रूप में हमारा पहला काम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सहायता प्रदान करना है. स्कूल में एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है.

मनिंदर गिल ने अपने संगठन की ओर से निर्णय का स्वागत किया

स्कूल की ओर से जो बयान जारी किया गया है उसमें कहा गया कि किराये सहित हमारे समझौते, नीतियां और दिशानिर्देश, हमारे समुदाय के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने में हमारे मिशन का समर्थन करते हैं. हमारी सुविधाओं को किराए पर लेने वाले किसी भी व्यक्ति या समूह को इसका पालन करने की जरूरत है. सरे स्थित फ्रेंड्स ऑफ कनाडा एंड इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष मनिंदर गिल ने अपने संगठन की ओर से निर्णय का स्वागत किया है.

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बम विस्फोट का मास्टरमाइंड

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले, जनमत संग्रह और इस उद्देश्य के लिए एक सरकारी स्कूल का इस्तेमाल किए जाने से परेशान भारतीय-कनाडाई लोगों ने स्कूल बोर्ड से शिकायत की थी. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि स्कूल परिसर के चारों ओर तलविंदर सिंह परमार के पोस्टर चिपकाए गए हैं. परमार को एयर इंडिया की उड़ान 182, कनिष्क पर आतंकवादी बम विस्फोट का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें 23 जून 1985 को 329 लोगों की मौत हो गई थी. सरे के लोगों ने चिंता व्यक्त की थी और पत्र में एके-47 की तस्वीर का भी जिक्र किया था. इसमें कहा गया था, स्कूल बोर्ड, सरे शहर और बीसी की प्रांतीय सरकार बंदूक हिंसा को दिन-दहाड़े बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों के प्रति जवाबदेह है… पत्र में उठाए गए मुद्दों को शनिवार को आउटलेट सरे टॉक रेडियो के साथ एक साक्षात्कार के दौरान सरे मेयर ब्रेंडा लॉक के सामने रखा गया था.

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नई तारीख का ऐलान नहीं

उल्लेखनीय है कि भारत ने पहले ही कनाडा के विदेश मंत्रालय, ग्लोबल अफेयर्स कनाडा को औपचारिक माध्यम से कनाडाई क्षेत्र को अलगाववादी जनमत संग्रह के लिए इस्तेमाल किए जाने पर अपनी नाराजगी दोहराई थी. इस बीच, जनमत संग्रह के लिए किसी और नई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है.

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