राजस्थान के कृषि मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया. खबरों की मानें तो उन्होंने दस दिन पहले मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, हालांकि इस बात पर मुहर गुरुवार को लगी. मीणा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर श्री रामचरितमानस की पंक्तियां लिखीं- रघुकुल रीत सदा चली आई…प्राण जाए पर वचन न जाई…
किरोड़ी लाल मीणा ने क्यों दिया इस्तीफा
किरोड़ी लाल मीणा हाल ही में कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए थे. इस पर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था जब मैंने इस्तीफा दे दिया तो नैतिक रूप से मैं वहां जा नहीं सकता हूं. मुख्यमंत्री जी से मैं मिल चुका था. उन्होंने पूरे सम्मान के साथ कहा था कि आपका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसपर मैंने मुख्यमंत्री जी से कहा- क्योंकि मैं जनता के बीच पहले ही ऐलान कर चुका हूं कि यदि हम यह सीट (दौसा) नहीं जीते तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, इसलिए मैंने ऐसा किया.
किरोड़ी लाल मीणा ने क्या किया था ऐलान
किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद कहा था कि यदि बीजेपी उनके अधीन 7 सीट में से कोई भी सीट हारती है तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे. कृषि, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री मीणा ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दौसा आने से पहले मैंने कह चुका हूं कि यदि सीट (दौसा) नहीं जीती तो मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा. बाद में प्रधानमंत्री ने मुझसे अलग से बात की और मुझे 7 सीट की सूची दी. मैंने 11 सीट पर कड़ी मेहनत की.
बीजेपी से नाराजगी को कोई कारण नहीं: किरोड़ी लाल मीणा
किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर के अलावा अलवर, टोंक-सवाईमाधोपुर और कोटा-बूंदी समेत पूर्वी राजस्थान की सीट पर प्रचार किया था. बीजेपी को भरतपुर, दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर और धौलपुर-करौली सीट पर कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा. मीणा ने एक टीवी चैनल से बातचीत में पार्टी से नाराजगी की खबरों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि नाराजगी का कोई कारण नहीं है और मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
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मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी शामिल थे किरोड़ी लाल मीणा
पिछले साल दिसंबर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे. इसके बाद वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी शामिल थे, लेकिन पार्टी हाईकमान ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राज्य का नेतृत्व सौंप दिया था. 5 बार के विधायक एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य किरोड़ी मीणा दौसा और सवाई माधोपुर से सांसद रह चुके हैं.