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Kisan Andolan, Farmers Protest Updates: किसान नेताओं ने कहा-कल से और तेज होगा आंदोलन, दिल्ली-जयपुर रोड होगा ब्लॉक, 14 को धरना

Kisan Andolan, Farmers protest LIVE Updates : कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest 2020) जारी है. किसानों को मनाने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे तमाम प्रयास विफल हो रहे हैं. इन सबके बीच सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ महामारी एक्ट (Pandemic Act) के खिलाफ मामला (FIR) दर्ज किया गया है. यहां पर किसानों का प्रदर्शन आज 16वें दिन भी जारी है. केंद्र सरकार के सभी प्रस्तावों को किसानों ने खारिज कर दिया है. इसके अलावा कई दौर की केंद्र सरकार के साथ चली वार्ता भी अबतक बेनतीजा रही है. अब गुस्साये किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने का मन बना लिया है. अपने आंदोलन को और तेज करते हुए किसानों ने सभी हाइवे को जाम करने का ऐलान किया है. साथ ही 14 दिसंबर को देश के nationwide (protest) सभी जिलों में धरना प्रदर्शन का फैसला किया है. कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहें prabhatkhabar.com के साथ…

लाइव अपडेट

सिंघु बॉर्डर पर लगाये गये 25 फुट मसाजर, थके-हारे किसानों में भरेंगे स्फूर्ति

सिंघु बॉर्डर पर पिछले 16 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों को आराम पहुंचाने और उनमें ताजगी भरने के लिए 25 फुट मसाजर लगाया गया है. प्राथमिकता के आधार पर बुुजुर्ग किसानों की सेवा पहले की जायेगी.

किसानों का आंदोलन और तेज होगा, कल दिल्ली-जयपुर सड़क ब्लॉक, 14 को धरना

भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख बलबीर एस राजेवाल ने बताया कि किसानों का आंदोलन और तेज होगा. कल दिल्ली-जयपुर सड़क ब्लॉक किया जायेगा और 14 को धरना होगा. रेल रोकने की कोई योजना नहीं है.

शरद पवार ने कहा-कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करे सरकार

एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो किसानों की मांग पर विचार करे और कृषि कानून को वापस ले. किसानों के धैर्य की परीक्षा लेना उचित नहीं है.

किसानों के प्रदर्शन के कारण सिंघु, औचंदी, पियू मनियारी और मंगेश पुर सीमाएं बंद

किसानों के प्रदर्शन के कारण सिंघु, औचंदी, पियू मनियारी और मंगेश पुर सीमाएं बंद हैं. साथ ही एनएन-44 भी बंद है. मुकरबा और जीटीके रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. इस बात की जानकारी दिल्ली के ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी की गयी है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- सरकार वार्ता के बाद कानूनों में सुधार के लिए तैयार

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- सरकार वार्ता के बाद कानूनों में सुधार के लिए तैयार

गतिरोध तोड़े किसान यूनियन: कृषि मंत्री

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुझे लगता है कि एक समाधान मिल जाएगा. मुझे आशा है. मैं किसान यूनियनों से आग्रह करना चाहूंगा कि वे गतिरोध को तोड़ें. सरकार ने उन्हें एक प्रस्ताव भेजा है. यदि किसी अधिनियम के प्रावधानों पर आपत्ति है, तो इस पर चर्चा होती है.

देश भर में होगा 700 चौपाल का आयोजन

कृषि कानूनों पर बैकफुट में आ रही सरकार अब फ्रंटफुट में आकर डिफेंसिव मोड में खेलने की तैयारी कर रही है. इसके लिए शुक्रवार से देश भर में 700 चौपाल और प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जायेगा और कृषि कानूनों को लेकर जागरूकता फैलायी जायेगी. हर जिले में प्रेस वार्ता का आयोजन किया जायेगा और 100 से अधिक जगहों पर किसान सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा.

किसानों के लिए एसएसपी सुनिश्चित करना होगा: दुष्यंत चौटाला

जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि एमएसपी किसानों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. कल केंद्रीय सरकार द्वारा दिए गए लिखित प्रस्तावों में MSPs शामिल थे. मैं किसानों के लिए MSP को सुरक्षित करने का काम करूंगा जब तक कि मैं मुख्यमंत्री हूं. मैं असमर्थ होने पर इस्तीफा दे दूंगा.

दिल्लीः सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की आज दोपहर 2 बजे होगी बैठक

कृषि कानून के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठन आज दोपहर दो बजे सिंघू बॉर्डर पर एक बैठक करेंगे. बता दें कि आज यहां पर प्रदर्शन का 16 वां दिन है.

दिल्ली जयपुर हाईवे ब्लॉक करेंगे किसान

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने जयपुर दिल्ली हाईवे एनएच 48 को ब्लॉक करने का एलान किया है. इसके साथ ही पुलिस भी एक्शन में आ गयी है. एनएच 48 में दो हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया जायेगा.

आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहा किसानों का दल

अमृतसर: किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्य नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली निकल चुके हैं. किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस पंधेर ने बताया कि "लगभग 700 ट्रैक्टर ट्रॉलियां दिल्ली की कुंडली सीमा की ओर बढ़ रही हैं.

किसानों को भोजन दे रही सेवा संस्थाएं

दिल्ली: अमृतसर से धर्मार्थ सेवा आंदोलनकारी किसानों को भोजन प्रदान कर रही है, जो गाजीपुर सीमा पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. प्रतिष्ठान के वरिष्ठ सदस्य कहते हैं, "सुबह 5 से रात 9 बजे तक भोजन करने वालों की कोई गिनती नहीं है. हम भोजन परोसते हैं."

सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी

कृषि कानून पर सरकार और किसानों के बीच हो रही बैठकों में कुछ नतीजा नहीं निकल रहा है. किसान अपना आंदोलन तेज करने की बात कह रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री ने कृषि मंत्री के एक प्रेस कॉनंफ्रेंस का साझा करते हुए लोगों से अपील की कि इस वीडियों को जरूर सुनें.

सिंघू बॉर्डर पर तैनात दो पुलिस अधिकारी कोरोना संक्रमित

दिल्ली पुलिस ने बताया कि एक डीसीपी और एक अतिरिक्त डीसीपी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. दोनों दी अधिकारी सिंघू सीमा पर पुलिस बल का नेतृत्व कर रहे थे, जहां किसान तीन खेत कानूनों का विरोध कर रहे हैं.

16वें दिन भी जारी है किसानों का आंदोलन

टिकरी सीमा पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने 16 वें दिन प्रवेश किया. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कल कहा कि सरकार किसानों के साथ आगे की बातचीत के लिए खुली है और उन्हें अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए.

कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा भारतीय किसान यूनियन

सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनो को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है इस बीच कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

किसानों के खिलाफ एफआईआर

सिंघू बॉर्डर पर धरना पर बैठे किसानों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि 29 नवंबर से किसान यहां घरने पर बैठे हैं.

सरकार और किसानों में नहीं बन रही बात

केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को भी किसानों की समझाने की कोशिश की गई. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को समझाया कि जो कानून बने हैं वो उनके हक में हैं और अगर कोई समस्या है तो सरकार उस पर विचार के लिए तैयार है. कृषि मंत्री ने किसानों से प्रस्तावों पर फिर से विचार करने की अपील की.

राकेश टिकैत ने कहा- हमारी 15 में से 12 मांगों पर केंद्र सहमत है, इसका मतलब बिल सही नहीं है, इसे वापस लिया जाये

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र यदि 15 में से हमारी 12 मांगों पर सहमत हो रहा था, इसका मतलब है कि बिल सही नहीं हैं, तो उसे रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए. हमने MSP पर एक कानून की मांग की थी, लेकिन वे अध्यादेश के माध्यम से 3 बिल लाये. हमारा विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा.

Posted By: Pawan Singh 

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