Kisan Andolan : नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों पर अगले एक से डेढ साल तक के लिए अस्थायी रोक लगाने के लिए तैयार है. 10वें दौर की वार्ता में किसानों के सामने यह प्रस्ताव रखा गया है. किसान नेताओं ने कहा कि हम बातचीत के बाद 22 जनवरी को अगले दौर की वार्ता में इसपर जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि किसान यूनियनों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है.
तोमर ने कहा कि किसान यूनियनों ने कहा कि वे सरकार के इस प्रस्ताव पर कल विचार करेंगे और 22 जनवरी को अपना फैसला सुनायेंगे. बता दें कि सरकार और किसानों के बीच आज 10वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. अब अगले दौर की वार्ता 22 जनवरी को होगी. इधर, किसानों का 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च अभी भी टला नहीं है. तोमर ने कहा कि मुझे लगता है कि वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है और 22 जनवरी को एक समाधान मिलने की संभावना है.
तोमर ने कहा कि आज की बैठक में किसानों के साथ सहमति बनाकर कुछ ठोस निर्णय लेने के लिए सरकार तैयार थी. सरकार आज ही इस मामले का समाधान चाहती थी. लेकिन किसान नेताओं ने कुछ और समय की मांग की है. उन्होंने कहा कि कुछ नरम-गरम क्षणों को छोड़ वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. उन्होंने कहा कि सरकार एक-डेढ़ साल के लिए तीनों कृषि कानूनों को निलंबित रखने के लिए तैयार है. इस अवधि में आपसी बातचीत से समाधान पर पहुंचा जा सकता है.
वार्ता के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि बैठक में तीनों कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर व्यापक चर्चा हुई. सरकार ने कहा कि हम तीनों कानूनों का एफिडेविड बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे कि हम इसपर एक से डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार हैं. एक कमेटी बनेगी जो तीनों कानूनों और एमएसपी का भविष्य तय करेगी. हमने कहा हम इस पर विचार करेंगे.
वार्ता में शामिल बाकी किसान नेताओं ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सरकार कृषि कानूनों पर एक – डेढ़ साल के लिए अस्थायी रोक लगाने के लिए तैयार है. हम अपने किसान मित्रों से बात करने के बाद ही अंतिम फैसला लेंगे. नेताओं ने कहा सरकार को हमारी मांगे माननी ही होगी. हम अब सरकार के प्रस्ताव पर आपस में चर्चा करेंगे उसके बाद निर्णय लेंगे.
Posted By: Amlesh Nandan.