दिल्ली पुलिस 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद सतर्क है. दिल्ली पुलिस को खुफिया विभागों ने जानकारी दी है कि गणतंत्र दिवस में हुई हिंसा के बाद चक्का जाम के बहाने हिंसा फैलाने की साजिश है.
खुफिया विभाग ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर हिंसा की आशंका जताई गई. किसान नेता तीनो कृषि कानून को लेकर अब चक्का जाम कर रहे हैं. किसानों के इस फैसले के बाद दिल्ली पुलिस सतर्क है. दिल्ली पुलिस किसानों के आंदोलन पर कड़ी नजर रख रही है औऱ चक्का जाम की उनकी रणनीति पर भी दिल्ली पुलिस का पूरा फोकस है.
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दिल्ली पुलिस ने चक्का जाम के दौरान किसी भी तरीके के हंगामे से निपटने की पूरी तैयारी कर रही है. कांग्रेस नेता राकेश टिकैत ने यह कहा है कि चक्का जाम का असर दिल्ली में नहीं होगा लेकिन इसके बावजूद भी दिल्ली पुलिस किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती. देशभर में तीन घंटे का सांकेतिक चक्का जाम होना है. किसान नेताओं ने बताया है कि इसका असर दिल्ली में नहीं होगा. इन इलाकों में पहले ही किलाबंदी कर दी गयी है.
किसान पूरे देश में हाइवे पर चक्का जाम करेंगे. हालांकि इस जाम के दौरान किसी को परेशानी नहीं होगी ऐसा किसान नेताओं ने भी दावा किया है. जाम में फंसे लोगों के लिए खाने की व्यस्था होगी. इस चक्का जाम में आम लोगों को भी कृषि कानूनों क्यों उनके हित में नहीं है इसकी जानकारी दी जायेगी.
गणतंत्र दिवस में हुई हिंसा के बाद पुलिस पूरी तरह सतर्क है. देश की राजधानी में इसका कोई असर ना हो इस पर भी दिल्ली पुलिस का पूरा फोकस है. दिल्ली पुलिस सीमाओं पर भी सुरक्षा इतनी मजबूत कर रही है कि कोई प्रदर्शनकारी शहर में प्रवेश ना कर सके. इस विरोध प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस पड़ोसी राज्यों के साथ भी संपर्क में है ताकि इस आंदोलन पर कड़ी नजर रखी जा सके औऱ किसी भी तरह की परेशानी खड़ी ना हो.
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दिल्ली पुलिस इस दौरान सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रख रही है. इस आंदोलन में सोशल मीडिया का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है ऐसे में दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन के लिए लिखे जाने वाले कमेंट्स्, और प्रतिक्रिया पर भी कड़ी नजर रख रही है. इस आंदोलन में विदेशी लिंक भी सामने आ रहे हैं यही कारण है कि अब सोशल मीडिया भी इस आंदोलन को आगे ले जाने के लिए एक मंच के तौर पर तैयार हो रहा है.