दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी नये कृषि कानूनों का विरोध करते हुए विधानसभा में बिल फाड़कर विरोध दर्ज किया. भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के इस विरोध पर कहा कि अगर किसान कानूनों का विरोध कर रहे थे तो इसे पहले क्यों अपनाया. अगर विरोध था तो पहले ही कहना चाहिए था.
What was the hurry to get Farm Laws passed in Parliament during pandemic? It has happened for 1st time that 3 laws were passed without voting in Rajya Sabha…I hereby tear 3 Farm laws in this assembly & appeal Centre not to become worst than Britishers: Delhi CM Arvind Kejriwal https://t.co/zvc2Dx1w3E pic.twitter.com/rUOACIQwp3
— ANI (@ANI) December 17, 2020
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पहले कृषि कानूनों का विरोध किया. इसे केजरीवाल सरकार ने अधिसूचित किया है. अगर इस कानून को लेकर विरोध था तो पहले भी जाहिर करना चाहिए था. इनके विरोध को लेकर एक ही बात कही जा सकती है. इनके दिमाग की बत्ती है गुल और नौटंकी कर रहे हैं फुल.
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अगर इस बिल को लेकर विरोध है तो इसका अपना तरीका है. किसी को परेशानी ना पहुंचाते हुए विरोध करना चाहिए. राजनीतिक पार्टियां इसे मौका समझ कर राजनीति कर रही है. दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल ने कहा, दिल्ली विधानसभा ने इन तीनों बिल का विरोध किया है . इस कानून को नकार दिया है.
हम केंद्र सरकार से भी अपील करते हैं कि इन तीन कानूनों को वापस ले. इस कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों में 20 लोगों की मौत हो चुकी है. अगर औसत निकाले तो हर दिन एक किसान शहीद हो रहा है.
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विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने कहा, इस महामारी के दौरान इस कानून को पास करने की जल्दबाजी क्या थी . यह पहली बार हुआ है जब तीन कानून बगैर मत के सिर्फ ध्वनि मत से पास कर दिये गये. मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि ब्रिटिश काल से भी खराब ना बनें