One Nation One Election: केंद्रीय विधि मंत्रालय ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखने की योजना बना रहा है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट को ‘‘शीघ्र’’ मंत्रिमंडल के समक्ष रखना विधि मंत्रालय के विधायी विभाग के 100 दिवसीय एजेंडे का हिस्सा है. लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों को अगली सरकार के लिए 100 दिन का एजेंडा तैयार करने का निर्देश दिया था. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने तथा इसके बाद 100 दिन के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की 15 मार्च को सिफारिश की थी.
विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को मिलेगा बढ़ावा- समिति
समिति ने कहा था कि एक साथ चुनाव कराए जाने से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, लोकतांत्रिक परंपरा की नींव गहरी होगी और “इंडिया जो कि भारत है” की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी. उसने यह भी सिफारिश की थी कि भारत निर्वाचन आयोग राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करे. फिलहाल, भारत निर्वाचन आयोग पर लोकसभा और विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी है, जबकि नगर निकायों और पंचायत चुनावों की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोगों पर है.
समिति ने की है 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश
समिति ने 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की है जिनमें से ज्यादातर के लिए राज्य विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी. इसके लिए हालांकि कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी जिन्हें संसद द्वारा पारित कराना होगा. एकल मतदाता सूची और एकल मतदाता पहचान पत्र के संबंध में कुछ प्रस्तावित परिवर्तनों के लिए कम से कम आधे राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता होगी. इसके अलावा, विधि आयोग भी शीघ्र ही एक साथ चुनाव कराने के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है.
सूत्रों ने बताया कि विधि आयोग 2029 से सरकार के सभी तीन स्तरों – लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और नगर पालिकाओं और स्थानीय निकायों – के लिए एक साथ चुनाव कराने और सदन के त्रिशंकु होने या अविश्वास प्रस्ताव जैसे मामलों में एकता सरकार के प्रावधान की सिफारिश कर सकता है.