Ladakh standoff, India china Border tension, Rajnath singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शुक्रवार को होने वाला लेह दौरा टाल दिया गया है. सेना प्रमुख के साथ वो इस दौर पर जाने वाले थे. दोनों को लेह में चीनी सेना के साथ सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना था. लेकिन अब उनके कार्यक्रम को रीशेड्यूल किया जा रहा है. शुक्रवार का दौरा क्यों टाला गया इस बात की जानकारी नहीं दी है.
समाचार एजेंसी एएनआइ ने इसकी जानकारी रक्षा अधिकारियों के हवाले से दी है. गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का एलएसी पर तनाव के मद्देनजर पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए लेह जाने वाले थे. इस दौरान उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद रहने वाले थे. मिली जानकारी के मुताबिक, वह इस दौरे के दौरान स्थानीय सैन्य कमांडरों के साथ एलएसी पर टकराव और सैन्य तैनाती की समीक्षा करने के साथ-साथ गलवन घाटी में चीनी सैनिकों को खदड़ने वाले घायल बहादुर सैनिकों से भी मिलने वाले थे.
Defence Minister Rajnath Singh’s visit to Leh being rescheduled: Defence Officials.
Defence Minister was scheduled to visit Leh tomorrow to review the security situation in Eastern Ladakh, in view of the Chinese aggression along the Line of Actual Control. pic.twitter.com/wRiPxeJdjL
— ANI (@ANI) July 2, 2020
रक्षा मंत्री के दौरे के पीछे सैनिकों का मनबोल बढ़ाना वजह माना जा रहा था. बता दें कि भारत एवं चीन के सैन्य कमांडरों की बैठक में एलएसी से तनाव कम करने और सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी रखने पर सहमति प्रकट की गई है, लेकिन यह भी कहा गया है कि एलएसी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है जिसमें समय लग सकता है. इससे साफ है कि फिलहाल गतिरोध टूटने के आसार नहीं हैं.
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गौरतलब है कि पांच मई को दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध के बाद यह रक्षा मंत्री का पहला लद्दाख दौरा होता. सेना प्रमुख हाल ही में लद्दाख के दौरे से लौटे हैं. नरवणे ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था जिस दौरान उन्होंने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं.
15 जून की रात को गलवान घाटी में हिंसक झड़पों में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया. इस झड़प में चीन के सैनिक भी हताहत हुए लेकिन पड़ोसी देश ने अभी तक उनकी संख्या नहीं बताई है. रक्षा मंत्री का लद्दाख दौरा ऐसे समय में होगा जब भारत पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अपने सैनिकों और शस्त्रों की तादाद बढ़ा रहा है. गलवान घाटी में संघर्षों के बाद सेना ने हजारों अतिरिक्त सैनिकों को सीमा पर अग्रिम क्षेत्रों में भेजा है और भारी हथियार भी पहुंचाए. वायु सेना ने भी कई प्रमुख वायु सैनिक केंद्रों पर वायु रक्षा प्रणालियों और अच्छी खासी संख्या में लड़ाकू विमानों तथा हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है
Posted By: utpal kant