लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन के बीच आज हाई लेवल मीटिंग होने जा रही है. सेना के सूत्रों की मानें तो 14 वीं कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह मेजर जनरल लियू लिन के साथ बातचीत करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे. आपको बता दें कि मेजर जनरल लियू लिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के दक्षिण झिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं. पूर्वी लद्दाख में चल रहे विवाद पर चर्चा करने के लिए एलएसी के चीन की तरफ मोल्दो में आज भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की बैठक होगी. आइए इससे पहले आपको बताते हैं इस वार्ता से पहले कुछ खास बातें…
14 Corps Commander Lieutenant Gen Harinder Singh will hold discussions with Maj Gen Liu Lin, who is the commander of South Xinjiang Military Region of Chinese People’s Liberation Army (PLA) to address the issue: Indian Army Sources https://t.co/1Qlz1rDYlO
— ANI (@ANI) June 6, 2020
आज की मीटिंग में भारत यह मांग रख सकता है कि चीन के सैनिक भारतीय इलाके से हट जाएं और एलएसी पर फारवर्ड पोस्ट्स पर तैनात चीनी सैनिकों को चीन वापस बुलाए. भारत की ओर से यह कहा जा सकता है कि गलवान में उसके द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम जारी रखने दिया जाए. यही नहीं भारत यह आश्वासन भी चीन से मांगेगा कि भविष्य में और हिंसक झड़पें नहीं होंगी. गौर हो कि पिछले महीने हिंसक झड़प यहां देखने को मिली थी जिसके बाद से ही तनाव है.
Also Read: पेन्गौंग झील को लेकर क्या है तनाव, आइए भारत चीन वार्ता से पहले इसे समझेंसूत्रों ने कहा कि भारत को बैठक से किसी ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं है लेकिन वह इसे महत्वपूर्ण मानता है क्योंकि उच्च-स्तरीय सैन्य संवाद गतिरोध के हल के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है. दोनों पक्षों के मध्य पहले ही स्थानीय कमांडरों के बीच कम से कम 12 दौर की और मेजर जनरल स्तरीय अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है. इसके बाद भी कोई सकारात्मक बात सामने नहीं आयी है.
वीडियो कांफ्रेंस के जरिये विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया), नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वु जिआनघाओ के बीच हुई वार्ता में दोनों देशों ने तनाव को दूर करने में सकारात्मक रूख अपनाने के संकेत दिए. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच एक महीने से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता होने से एक दिन पहले दोनों राजनयिकों के बीच यह वार्ता हुई है. सैन्य गतिरोध का प्रत्यक्ष रूप से जिक्र किये बगैर विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने ‘‘मौजूदा घटनाक्रमों” सहित द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा की.
Posted By : Amitabh Kumar