Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दर्ज की गई है, जिसमें कहा गया है कि तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर खीरी में हुई घटना के संबंध में गृह मंत्रालय और पुलिस को निर्देश दिया जाए कि एफआईआर दर्ज कर मामले में शामिल ‘मंत्रियों को दंडित’ किया जाए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले मामले को लेकर प्रधान न्यायाधीश को चिट्ठी लिखी गई है. वकील शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने चीफ जस्टिस एनवी रमना को पत्र लिखा है. इसमें दोनों वकीलों ने इस घटना की न्यायिक जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की अपील की है. चिट्ठी में लिखा है कि मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया है कि अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण था. लेकिन, प्रदर्शन पर ऐसी कार्रवाई करना मानवाधिकारों का भी हनन है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी आघात है.
A petition is filed in Supreme Court seeking direction to the Ministry of Home Affairs & police to register FIR and "punish the ministers" involved in the Lakhimpur Kheri incident during farmers' protest in Uttar Pradesh on October 3. pic.twitter.com/cun0B0AEPD
— ANI (@ANI) October 5, 2021
प्रधान न्यायधीश को लिखे गए पत्र में एफआईआर दर्ज करने की अपील की गई है और आरोपी मंत्री पुत्र को भी सजा दिए जाने की मांग की गई है. साथ ही इस मामले में दोषी अधिकारियों और घटना में शामिल मंत्री एवं उनके रिश्तेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही गई है. याचिका में कहा गया है कोर्ट समयबद्ध जांच का आदेश दे. सीबीआई जैसी एजेंसी को भी जांच में शामिल किया जाए और मामले की अपनी निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराए. इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्रालय को एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए जाए.
Also Read: Facebook Whatsapp Instagram Outage: ऑफिस में एंट्री भी नहीं कर पा रहे थे कर्मचारी, जानिए क्यों