महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे जिले के आलंदी कस्बे में पुलिस द्वारा वरकरियों पर लाठीचार्ज की खबरों का रविवार को खंडन किया. उन्होंने कहा कि वरकरियों (भगवान विठ्ठल के भक्तों) और पुलिस के बीच मामूली हाथापाई हुई. नागपुर में मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि वरकरी समुदाय पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ. हालांकि, विपक्षी दलों ने दावा किया कि पुलिस ने वरकरियों पर लाठीचार्ज किया और विपक्ष ने इसकी उच्च स्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की. यह घटना उस वक्त हुई जब भक्त आलंदी शहर में संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे.
महाराष्ट्र में गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे फडणवीस ने कहा कि हमने पिछले साल उसी स्थान (आलंदी) में हुए भगदड़ जैसी स्थिति से सबक लिया और अलग-अलग समूहों को प्रवेश पास देने की कोशिश की. तीर्थयात्रा में शामिल होने वाले प्रत्येक समूह को 75 पास जारी करने का फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि लगभग 400-500 युवाओं ने जोर देकर कहा कि वे तीर्थयात्रा में शामिल होंगे और प्रवेश के लिए तय नियम का अनुपालन नहीं करेंगे.
आगे महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिये और पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में हैं. मैंने घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है. मैं मीडिया से अपील करता हूं कि गलत रिपोर्टिंग करके मामले को हवा न दें. उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं कुछ राजनीतिक दलों से भी इस मामले को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील करता हूं. वरकरी समुदाय और लोगों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है. इस मामले को लेकर पुलिस को समाधान निकालने का निर्देश दिया गया है.
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि वरकरियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उन्होंने इस घटना की निंदा की.