Laxmi Nagar: पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाला लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में कोचिंग संस्थानों की भरमार है. सीए, सीएस से लेकर एसएससी और अन्य नौकरियों के लिए इस इलाके में हजारों कोचिंग संस्थान के बैनर-पोस्टर मुख्य सड़क से लेकर गलियों में देखे जा सकते हैं. इस इलाके में छात्रों की संख्या काफी अधिक है और वे सपने पूरा करने के लिए छोटे-छोटे कमरों और पीजी हॉस्टल में रहते हैं. इस इलाके में हजारों पीजी हॉस्टल उपलब्ध है. इस इलाके की गलियां काफी संकरी है और बरसात के दौरान इलाके में जलभराव की समस्या होती है.
सड़क की बदहाल और साफ-सफाई की स्थिति से लोग खुश नहीं हैं. यही नहीं इलाके में पीने के पानी को लेकर भी लोगों की शिकायत है. ललिता पार्क और शकरपुर जैसे इलाकों के संकरी गलियों में तारों का जंजाल लोगों को परेशान करता है. इलाके में पार्किंग की समस्या काफी गंभीर है. लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और यहां से पहली बार कांग्रेस के डॉक्टर अशोक कुमार वालिया विधायक बने. इलाके में वालिया की पहचान एक सौम्य चेहरे के तौर पर रही है और लोगों को मुफ्त में इलाज करने के कारण वह काफी पॉपुलर थे.
लेकिन आम आदमी पार्टी के उभार के बाद हुए वर्ष 2013 के विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विनोद कुमार बिन्नी ने चुनाव जीत हासिल की. लेकिन पार्टी से मतभेद के बाद बिन्नी की जगह आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2015 में नितिन त्यागी को मैदान में उतारा और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी बीबी त्यागी को चुनाव हरा दिया. फिर वर्ष 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से नितिन त्यागी ने चुनाव लड़ा, लेकिन वे नजदीकी मुकाबले में भाजपा के अभय वर्मा से चुनाव हार गए. इस बार आम आदमी पार्टी ने भाजपा के सदस्य रहे बीबी त्यागी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा की ओर से अभय वर्मा चुनाव लड़ रहे हैं.
ट्रैफिक जाम और टूटी सड़कों से परेशान हैं लोग
लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश सहित देश के दूसरे राज्यों से छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं. पांडव नगर, लक्ष्मी नगर, ललिता पार्क में सस्ते कमरे लेकर छात्र अपना भविष्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. यह काफी घनी आबादी वाला इलाका है और पास में ही अक्षरधाम मंदिर है. यहां से नयी दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशन काफी नजदीक है. इस इलाके में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 10 फीसदी है. इसके अलावा पूर्वांचली और उत्तराखंडी मतदाताओं की संख्या हार-जीत तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं.
इलाके में ट्रैफिक जाम, टूटी सड़कें, पानी की कमी एक बड़ी समस्या है. स्थानीय निवासी हरेंद्र कुमार का कहना है कि लक्ष्मी नगर में साफ-सफाई और ट्रैफिक के अलावा बिजली के तारों का लटकना बड़ी समस्या है. पिछले कुछ साल में इस इलाके का विकास थम गया है. चुनाव जीतने के लिए पार्टियां सिर्फ वादे करती है, लेकिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. हल्की बारिश में भी पूरे इलाके में पानी भर जाता है. कहीं आने जाने के लिए काफी समय लगता है.
वहीं उत्तराखंड के रहने वाले ललित पंत ने कहा कि संकरी गलियों के कारण आये दिन पार्किंग को लेकर विवाद होता रहता है. दिन में भीड़ के कारण गलियों में पैदल चलना मुश्किल होता जा रहा है. गर्मी में पानी की समस्या आम है. पानी आता भी है तो वह काफी गंदा होता है. हमें पानी खरीद कर काम चलाना पड़ता है. ऐसे में मुफ्त बिजली, पानी के बदले लोगों को बुनियादी सुविधा चाहिए.