Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के प्रत्याशी जहां जोर शोर से प्रचार अभियान में जुटे हैं. ऐसे में उनकी पत्नियां भी जमकर पसीना बहा रही है. मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में अपने अपने पतियों बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी की पत्नियों के बीच भी कांटे की टक्कर दिख रही है. दरअसल बीजेपी उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया और कांग्रेस प्रत्याशी नकुल नाथ की पत्नी प्रिया नाथ भीषण गर्मी में भी अपने-अपने पति के लिए प्रचार कर रही है. गर्मी और धूल से परेशान हुए बिना दोनों अपने अपने पतियों ज्योतिरादित्य सिंधिया और नकुल नाथ के पक्ष में मतदान के लिए जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. बता दें, सिंधिया राजघराने से संबद्ध नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया और सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक कांग्रेस नेता नकुल नाथ की पत्नी प्रिया नाथ अपने अपने जीवनसाथी के लिए प्रचार अभियान के तहत बाजार में विक्रेताओं से मिलते, भजन गाते, आम लोगों को आकर्षित करने वाली गतिविधियों में शामिल देखी गई हैं.
सबसे अमीर प्रत्याशियों में से एक हैं नकुल नाथ
छिंदवाड़ा के मौजूदा सांसद नकुल नाथ ने इस बार चुनावी हलफनामे में 697 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है. वह 2019 में लोकसभा के 475 करोड़पति सदस्यों की सूची में शीर्ष पर थे. उनकी पत्नी प्रिया नाथ को हाल ही में अपने पति की संसदीय सीट छिंदवाड़ा के अंतर्गत आने वाले चौरई में एक खेत में फसल काटते देखा गया था. वह जुन्नारदेव विधानसभा सीट के अंतर्गत नवेगांव पहुंचीं और भागवत कथा पंडाल में ग्रामीण महिलाओं के साथ भक्ति गीतों की धुन पर उन्होंने नृत्य किया. वडोदरा के गायकवाड़ शाही परिवार से आने वाली प्रियदर्शनी राजे सिंधिया गुना निर्वाचन क्षेत्र की सड़कों पर आम लोगों से बेहद सहजता से मिलती हैं. गुना सीट से उनके पति ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. प्रियदर्शनी राजे बाजार और अन्य स्थानों पर मतदाताओं को बताती हैं कि ग्वालियर के ‘महाराज’ उनकी कितनी परवाह करते हैं. यहां के लोग सिंधिया को ‘महाराज’ कहते हैं.
लोगों को लुभाने में जुटी है दोनों प्रत्याशियों की पत्नी
पिछले हफ्ते प्रियदर्शनी राजे ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक सभा में कहा था कि वह पिछले 20 साल से महाराज के साथ हैं और उन्होंने देखा है कि गुना-शिवपुरी-अशोकनगर क्षेत्र के लोगों के प्रति उनका कितना स्नेह है. तीनों जिले गुना, शिवपुरी, अशोकनगर गुना संसदीय सीट का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान महाराज को हर दिन यह चिंता रहती थी कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, टैंकर, दवाओं के साथ-साथ गुना लोकसभा क्षेत्र के लोगों के लिए भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सामग्री की कमी न हो. छिंदवाड़ा में प्रिया नाथ अपने पति के समर्थकों का मनोबल बनाए रखने की कोशिश करते हुए अपने ससुर कमलनाथ के उन सहयोगियों पर निशाना साध रही हैं जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्होंने पिछले सप्ताह एक सभा में कहा, “मैं जहां भी जाती हूं, मेरी बहनें मुझसे कहती हैं कि दीदी, कभी घबराना नहीं, हम आपके साथ हैं. मैं पूछती हूं, क्या मेरे चेहरे पर कोई घबराहट दिखती है? मैं घबराई हुई नहीं हूं, लेकिन मैं निश्चित तौर पर पापा कमल नाथ जी के लिए दुखी हूं, जिनकी अग्नि परीक्षा का समय आने पर उन्होंने (दलबदलुओं ने) धोखा दे दिया.
जीत का दोनों ओर से किया जा रहा दावा
नकुल नाथ की जीत का विश्वास जताते हुए प्रिया नाथ ने यह भी कहा कि छिंदवाड़ा के लोग और नाथ परिवार 44 साल से एक साथ हैं और कोई भी ताकत 44 दिनों (चुनाव से पहले) में इस रिश्ते को नहीं तोड़ सकती. भोपाल की वरिष्ठ पत्रकार श्रावणी सरकार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पिछले एक दशक में चुनावी राजनीति के परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आये हैं. उन्होंने कहा, “आम मतदाता मुद्दों के बारे में अधिक जागरूक हैं और अपनी पसंद के बारे में स्पष्ट हैं. उन्हें यह भी एहसास हुआ है कि जनप्रनिधियों को वास्तव में आम लोगों का प्रतिनिधि होना चाहिए. सरकार ने दावा किया कि मतदाता अब अभिजात्य वर्ग का पहले की तरह सम्मान नहीं करते और “जमीन से जुड़ा रवैया” चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इस बार नकुलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों के लिए चुनावी लड़ाई कठिन लग रही है. सरकार ने कहा कि सिंधिया सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि पिछली बार वह गुना से हार गए थे. छिंदवाड़ा भाजपा का लक्ष्य है क्योंकि यह एकमात्र सीट थी जिसे भगवा पार्टी 2019 में जीतने में विफल रही थी.
कांग्रेस के दिग्गज नेता कमल नाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नौ बार चुने गए और उनके बेटे नकुलनाथ 2019 के लोकसभा चुनावों में मप्र से कांग्रेस के एकमात्र विजेता थे. नाथ परिवार ने 1980 के बाद छिंदवाड़ा से सभी चुनाव जीते, 1997 को छोड़कर, जब कमल नाथ भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से हार गए थे. कांग्रेस ने इस बार नकुलनाथ को दोबारा उम्मीदवार बनाया है. गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया परिवार के सदस्यों ने 14 बार जीत हासिल की है, लेकिन 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हार गए थे. उनके पिता माधवराव सिंधिया इस सीट से चार बार चुने गए. उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया 1957 से 1998 के बीच छह बार इस सीट से जीतीं. गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 2002 से 2014 के बीच चार बार निर्वाचित हुए हैं. 2019 में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. इस बार वह भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में छिंदवाड़ा में 19 अप्रैल को और गुना में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा.