Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. इस चुनाव में जीते हुए उम्मीदवारों को लेकर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) का कहना है कि 543 नवनिर्वाचित सांसदों में से 251 लगभग 46 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. यही नहीं जीते गए 27 सांसदों को अदालत दोषी करार दे चुकी है. यह पहली बार है कि लोकसभा में आपराधिक छवि वाले सबसे अधिक सांसद चुनाव जीतने में कामयाब रहे है. एडीआर ने उम्मीदवारों के चुनाव के दौरान दायर हलफनामे का विश्लेषण करने के बाद यह दावा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019 के चुनाव में 233 सांसद लगभग 43 फीसदी आपराधिक पृष्ठभूमि के चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे. इस बार यह आंकड़ा 3 फीसदी बढ़ गया है. साल दर साल ऐसे सांसदों की संख्या बढ़ती जा रही है.
आपराधिक छवि के सांसदों की संख्या
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2004 में आपराधिक छवि के सांसदों की संख्या 23 फीसदी, वर्ष 2009 में 30 फीसदी और वर्ष 2014 में 34 फीसदी थी. एडीआर के अनुसार, 18वीं लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा के 240 सांसदों में 94 (39 फीसदी), कांग्रेस के 99 सांसदों में से 49 (49 फीसदी) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के 37 उम्मीदवारों में से 21 (फीसदी), डीएमके के 22 में से 13 (59 फीसदी), टीएमसी के 29 में से 13 (45 फीसदी),टीडीपी के 16 में से 8 (50 फीसदी) और शिवसेना के 7 में से पांच (71 फीसदी) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं भाजपा के 63 (26 फीसदी), सपा के 17 (46 फीसदी) और कांग्रेस के 32 (32 फीसदी), डीएमके के 7 (24 फीसदी), टीएमसी के पांच (31 फीसदी) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2009 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले सांसदों की संख्या में 124 फीसदी का इजाफा हुआ है.