मध्य प्रदेश उपचुनाव के परिणाम (Madhya Pradesh by Election Result) पर पूरे देश की नजर बनी हुई है. इसी बीच कांग्रेस को शक है कि भाजपा इवीएम (EVM) से छेड़छाड़ कर सकती है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आशंका जाहिर करते हुए एक ट्वीट किया है. कांग्रेस (Congress VS BJP) ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि प्रिय कांग्रेस साथियों, मतगणना तक पूरी तरह से सतर्क, सावधान और चौकन्ना रहें….ईवीएम एवं स्ट्रांग रूम की सुरक्षा/निगरानी बेहद ज़रूरी है….भाजपा सभी 28 सीट हार रही है, इसलिये कोई भी षड्यंत्र, चालबाज़ी और बदमाशी मुमकिन है….
आपको बता दें कि मतदान के खत्म होने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह पहले ही ईवीएम के साथ छेडछाड की आशंका जाहिर कर चुके हैं. जिसपर भाजपा ने पलटवार भी किया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस ने इस उपचुनाव में हार स्वीकार कर ली है, इसी का परिणाम है कि दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिए हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि जनता भाजपा को प्रचण्ड बहुमत प्रदान करेगी.
गौर हो कि मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत 3 नवंबर को वोट डाले गये हैं जबकि वोटो की गिनती 10 नवंबर को होनी है. सूबे में कुल 69.93 प्रतिशत मतदान हुआ है. यह 2018 विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर हुए औसत मतदान की तुलना में तीन प्रतिशत कम है. मतदान के दौरान कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाएं भी हुईं.
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इन सीटों पर औसतन 72.93 प्रतिशत मतदान हुआ था. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इन 28 विधानसभा क्षेत्रों में 3.71 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 28 सीटों पर औसतन 66.22 प्रतिशत मतदान हुआ था.
प्रिय कांग्रेस साथियों,
मतगणना तक पूरी तरह से सतर्क, सावधान और चौकन्ना रहें। ईवीएम एवं स्ट्रांग रूम की सुरक्षा/निगरानी बेहद ज़रूरी है।
बीजेपी सभी 28 सीट हार रही है, इसलिये कोई भी षड्यंत्र, चालबाज़ी और बदमाशी मुमकिन है।
— MP Congress (@INCMP) November 5, 2020
क्यों हुए उपचुनाव : गौर हो कि मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं जबकि वर्तमान में इसकी प्रभावी सदस्य संख्या 229 हैं क्योंकि 28 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद हाल ही में एक और कांग्रेस विधायक दमोह से राहुल लोधी त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गये. सदन में भाजपा के 107 विधायक हैं और भाजपा को सदन में साधारण बहुमत का आंकड़ा 115 तक पहुंचने के लिये आठ सीटें और चाहिये. इस साल मार्च माह के बाद से कुल 25 कांग्रेसी विधायकों के त्यागपत्र देने और भाजपा में शामिल होने के बाद सदन में कांग्रेस की संख्या घटकर 87 रह गयी है. इसके अलावा सदन में चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक हैं. 25 कांग्रेस के विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने और तीन विधायकों के निधन के कारण प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था.
Posted By : Amitabh Kumar