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महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की जीडीपी में 1% से अधिक वृद्धि की उम्मीद

Maha Kumbh 2025: दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं के खर्च से मांग और उत्पादन बढ़ेगा, जिससे यूपी के छोटे और बड़े व्यापारी लाभान्वित होंगे.

Maha Kumbh 2025: आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि 45 दिन चलने वाले महाकुंभ के दौरान होने वाला व्यापार न केवल रोजगार और मुनाफे को बढ़ावा देगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की जीडीपी में एक प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि भी कर सकता है. दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं के खर्च से मांग और उत्पादन बढ़ेगा, जिससे छोटे और बड़े व्यापारी लाभान्वित होंगे. इसके अलावा, सरकार को भी इस आयोजन से अच्छी आय होगी, जिसे प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किया जाएगा और जीएसटी संग्रह में भी भारी वृद्धि होगी.

प्रसिद्ध सीए और अर्थशास्त्री पंकज गांधी जायसवाल के अनुसार, सरकार द्वारा महाकुंभ के दौरान बताए गए आंकड़ों के आधार पर नाममात्र और वास्तविक जीडीपी में एक प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार का अनुमान है कि 45 करोड़ लोग इस महाकुंभ में भाग लेंगे. अगर प्रति व्यक्ति औसतन 10,000 रुपये का खर्च माना जाए, तो यह कुल चार लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है, जो अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगा.

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जायसवाल का कहना है कि महाकुंभ पर सरकार द्वारा किए गए सोलह हजार करोड़ रुपये के निवेश से कई गुना रिटर्न मिलेगा. औसत जीएसटी संग्रह से लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की आय हो सकती है, और अप्रत्यक्ष करों को मिलाकर यह आंकड़ा एक लाख करोड़ तक पहुंच सकता है. यह सरकार की आय में कई गुना वृद्धि करेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा.

प्रयागराज के सीए अनिल गुप्ता के अनुसार, महाकुंभ का आर्थिक पहलू भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि इसका सांस्कृतिक महत्व. रेलवे, ट्रांसपोर्ट, बिजली, और भूमि आवंटन से व्यापक राजस्व उत्पन्न होगा, जिससे सरकार को लगभग एक लाख करोड़ रुपये की आय होने की संभावना है. इस आय का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर में किया जाएगा, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

डॉ. एके सिंघल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के पूर्व डीन, ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा. ट्रांसपोर्ट, स्थानीय विक्रेताओं, दुकानदारों, और टैक्सी चालकों की आय में वृद्धि होगी. उन्होंने अनुमान लगाया कि आयोजन से लगभग 40 से 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न होगा, जो सरकार के निवेश का दस गुना तक लाभ पहुंचा सकता है. इससे प्रदेश और देश की जीडीपी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और विकास कार्यों को प्रोत्साहन मिलेगा.

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