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मौनी अमावस्या स्नान कैसे मची भगदड़? प्रत्यक्षदर्शी ने बताया बैरिकेडिंग टूटी, हम बचने की कोशिश कर रहे थे….

Mahakumbh Mela Stampede: प्रयागराज के संगम तट पर मौनी अमावस्या के दिन स्नान के समय भगदड़ मच गई है. इसमें काफी लोगों के घायल होने की संभावना जताई जा रही है. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हम बचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बैरिकेडिंग टूट गई और फिर भीड़ में धक्का मुक्की होने के कारण यह हादसा हो गया.

Mahakumbh Mela Stampede: मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर प्रयागराज के संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई. अत्यधिक भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. इस घटना में 10 से अधिक लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है. घटना के तुरंत बाद प्रशासन और पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया. वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक भीड़ बढ़ने की वजह से यह हादसा हुआ है.

रात 2 बजे से भीड़ उमड़ी, बैरिकेडिंग टूटने से मची भगदड़

जानकारी के अनुसार, देर रात करीब 2 बजे संगम तट पर भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच गए थे. इसी दौरान बैरिकेडिंग का एक हिस्सा अचानक गिर गया, जिससे वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई. स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी और लोग इधर-उधर भागने लगे. कई श्रद्धालुओं के सामान गिरने से अव्यवस्था और बढ़ गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ इतनी ज्यादा थी कि संभलने का मौका ही नहीं मिला.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हम आराम से जा रहे थे, लेकिन अचानक भीड़ बढ़ने लगी. धक्का-मुक्की होने लगी और देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई. हम बचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोई जगह नहीं थी. इस दौरान कई लोग गिर पड़े और कुछ घायल भी हो गए.” चंदौली से आई एक महिला ने बताया कि भीड़ काफी ज्याद हो गई थी. उसी में धक्का मुक्की होने लगी, जिसके बाद यह हादसा हुआ. वे अपने मरीज को देखने के लिए महाकुंभ परिसर में ही बनाए गए अस्पताल में आई हैं.

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

भगदड़ के बाद प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए कदम उठाए हैं. श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे धैर्य बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. महंत राजू दास ने एक वीडियो संदेश जारी कर बताया कि उनके अखाड़े का अमृत स्नान सुबह 8:30 बजे प्रस्तावित था, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे फिलहाल स्थगित करने पर विचार किया जा रहा है.

इस घटना को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. कुंभ क्षेत्र में अब तक 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर भगदड़ कैसे हुई. अनुमान से अधिक भीड़ के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है.” फिलहाल, प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है. पुलिस पूरे क्षेत्र में कड़ी निगरानी रख रही है ताकि ऐसी कोई और घटना न हो.

पुलिस और राहत दलों ने संभाली स्थिति

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंच गईं. संगम क्षेत्र में पहले से मौजूद फायर सर्विस का ऑल-टेरेन व्हीकल राहत कार्य में लगाया गया, जिससे कई घायलों को सुरक्षित निकाला गया. मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) भरतेंदु जोशी ने बताया कि इस वाहन की मदद से बचाव अभियान तेजी से चलाया गया और घायलों को तुरंत एंबुलेंस तक पहुंचाया गया.

श्रद्धालुओं की भीड़ बनी प्रशासन के लिए चुनौती

मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम तट पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए थे. सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगा रखी थी, लेकिन अत्यधिक भीड़ के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. पुलिस और सिविल डिफेंस के जवानों ने पूरी कोशिश की कि बैरिकेडिंग से भीड़ को नियंत्रित किया जाए, लेकिन श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या के कारण यह संभव नहीं हो सका.

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