Maharashtra News: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ जहां उनपर गलत तरीके से UPSC परीक्षा पास करने का आरोप लगा है, तो वहीं दूसरी तरफ अब उनके माता-पिता के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. दरअसल पूजा की मां पर किसानों को पिस्टल दिखाकर धमकाने का आरोप है. जिसकी वजह से यह FIR दर्ज हुई है. इस घटना से जुड़ा पूजा की मां मनोरमा का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. यह वीडियो साल 2023 का बताया जा रहा है. इस वीडियो में मनोरमा अपने बॉडी गार्डों के साथ पिस्टल लिए लोगों को धमकाते दिख रही हैं. अब इस मामले में एक किसान की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने पूजा की मां मनोरमा, पिता दिलीप खेड़कर, अंबादास खेड़कर एवं उनके बॉडीगार्डों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में पुलिस ने सेक्शन 323, 504, 506, 143, 144, 147, 148, 149 और आर्म्स एक्ट की धारा 3 (25) के तहत एफआईआर दर्ज की है.
जमीन विवाद से जुड़ी घटना का है वायरल वीडियो
इस पूरे प्रकरण को बताते हुए पुलिस ने कहा कि यह पूरा मामला एक जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है. दरअसल आईएएस पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने पुणे की मुलशी तहसील के गांव धाडवाली में एक जमीन खरीदी थी. स्थानीय लोगों का दावा है कि खेडकर ने अपनी जमीन के साथ ही अन्य किसानों की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है. इसी विवाद में हाल ही में मनोरमा खेडकर का जो वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में पूजा की मां किसानों से तीखी बहस करती दिखाई दे रही हैं. इस वीडियो में वह एक व्यक्ति पर चिल्लाईं और उन्होंने अपने पिस्तौल निकालकर हवा में लहराना शुरु कर दिया. पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की गई है.
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जानें पूजा खेडकर के बारे में, जिनपर फर्जी तरीके से IAS बनने का लगा है आरोप
पूजा खेडकर हाल के दिनों में यह नाम काफी सुर्खियों में है. दरअसल पूजा 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. तब इन्हें UPSC परीक्षा में 821वीं रैंक लाकर अपना होम कैडर मिला था. बीते दिनों वीआईपी ट्रीटमेंट की मांग को लेकर वह विवादों में घिरीं थीजिसके बाद उनका पुणे से वाशिम तबादला कर दिया गया है. इसके बाद पूजा पर UPSC परीक्षा में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा. जिसमें कहा कि पूजा ने खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर वर्ग से बताकर यूपीएससी में चयन हासिल किया. इसके साथ ही पूजा पर आरोप है कि इन्होंने मानसिक रूप से दिव्यांग होने का दावा किया था. लेकिन जब इन्हें मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया तो ये कई बार बुलाने के बावजूद मेडिकल जांच में शामिल नहीं हुईं. बीते दिनों वीआईपी ट्रीटमेंट की मांग को लेकर वह विवादों में घिरीं थीजिसके बाद उनका पुणे से वाशिम तबादला कर दिया गया है.