Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट का बुधवार रात को उद्धव ठाकरे के इस्तीफा (Uddhav Thackeray Resigns) के साथ अंत हो गया. एक बार फिर महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) की सरकार बनने जा रही है. उद्धव ठाकरे के इस्तीफा के करीब 22 घंटे बाद अपनी ही पार्टी से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanavis) को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वर्ष 2019 में भाजपा (Bharatiya Janata Party) और शिवसेना एक साथ चुनाव लड़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में हमें पूर्ण बहुमत मिला. बीजेपी को 106 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. प्रधानमंत्री ने चुनाव के दरम्यान भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान भी किया. सबको मंजूर था. लेकिन, चुनाव के बाद हमारे पास करीब 170 विधायकों के समर्थन के साथ बहुमत हासिल था.
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उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेताओं ने बाद में तय किया हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे ने जिन विचारों का जीवन भर विरोध किया, जीवन भर जिनसे लड़ाई की और जिनके बारे में वो कहते थे कि इनके साथ जाना पड़ा, तो मेरी दुकान बंद कर दूंगा, ऐसे लोगों के साथ गठबंधन कर लिया. ढाई साल हमने एक सरकार देखी, जिसमें न कोई तत्व था न विचार था, न गति थी, न प्रगति थी.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार चालू इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स को बंद कर रही थी. लगातार भ्रषाटाचार के आरोपों में घिर रही थी. दो मंत्री मनी लाउंडरिंग के केस में जेल में गये. दाऊद के साथ रिश्तों का आरोप मंत्री पर लगा. मंत्री को जेल जाना पड़ा. बावजूद इसके, उनको मंत्रिमंडल से आज तक हटाया नहीं गया. ऐसी पथभ्रष्ट सरकार का भाजपा ने लगातार विरोध किया. शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में ऐसी एनसीपी और कांग्रेस की सरकार चली. इसकी वजह से शिवसेना के विधायकों में रोष था.
विधायकों में इस बात का रोष था कि जिन लोगों के खिलाफ हम जिंदगी भर लड़े, आज उनके साथ बैठना पड़ रहा है. अपने क्षेत्र में जाकर किस मुंह से लोगों से वोट मांगेंगे. उनके खिलाफ जो हारा, उसको पैसे मिलते थे, सरकारी फंड मिलते थे. लेकिन, शिवसेना के विधायकों को फंड नहीं मिलते थे. इससे शिवसेना के नाराज विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एक ही मांग की कि हमलोग कांग्रेस, एनसीपी के साथ नहीं रह सकते. इस गठबंधन को तोड़ा जाये. लेकिन, उनकी मांगें नहीं मानी गयी.
फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व को छोड़ दिया. विचारों को छोड़ दिया. अपने विधायकों से ज्यादा कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों की बात सुनी. उन्हें ही महत्व दिया. इसके चलते इन विधायकों ने अपनी आवाज बुलंद की. मैं इसको बगावत नहीं कहूंगा. उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की. विधायकों ने कहा कि हम इनके साथ नहीं रहेंगे. ऐसे समय में, जब सरकार के पास बहुमत नहीं रहा, तो मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया. हम लगातार ढाई साल से कह रहे थे कि यह अंतरविरोध से घिरी हुई सरकार है.
उन्होंने कहा कि हमने कहा था कि ये सरकार जब गिरेगी, तो हम महाराष्ट्र पर चुनाव नहीं लादेंगे. एकनाथ शिंदे के साथ जो शिवसेना है, शिवसेना के नेता के रूप में आज उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी राज्यपाल के सामने पेश की. भारतीय जनता पार्टी ने उनको पूरा समर्थन दिया. भाजपा के 106 और निर्दलीय विधायकों एवं छोटे दलों का समर्थन पत्र हमने सौंप दिया है.
राज्यपाल ने एकनाथ शिंदे को शाम 7:30 बजे शपथ के लिए न्योता दिया है. आज केवल एक ही शपथ होगी. एकनाथ शिंदे शपथ लेंगे. इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. उन्होंने कहा कि मैं इस सरकार को पूरी तरह से समर्थन करूंगा. मैं सरकार से बाहर रहूंगा और इस सरकार को सफल बनाने के लिए जो चीजें करनी जरूरी है, सारी चीजें हम मिलकर करेंगे.
फडणवीस ने कहा कि मेरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो विकास एक नया पर्व शुरू किया है, उस विकास के पर्व को ढाई साल का जो ब्रेक लगा था, उसको निकालेंगे और फिर से महाराष्ट्र की प्रगति की एक्सप्रेस तेजी के साथ भागेगी. उसके लिए मैं एकनाथ शिंदे जी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.