महाराष्ट्र में असली शिवसेना को लेकर जंग जारी है. एक ओर एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को बंबई हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. जबकि उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 22 जनवरी को सुनावाई होगी.
उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 22जनवरी तक के लिए टाल दी थी
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को असली राजनीतिक दल घोषित करने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई बुधवार को 22 जनवरी तक के लिए टाल दी. जून 2022 में पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गई थी. ठाकरे गुट की ओर से सोमवार को दायर की गई याचिका शीर्ष अदालत रजिस्ट्री द्वारा प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष 19 जनवरी के लिए सूचीबद्ध की गई थी.
उद्धव ठाकरे गुट ने 15 जनवरी को किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख
उद्धव ठाकरे गुट ने 15 जनवरी को वकील रोहित शर्मा के माध्यम से शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को वास्तविक राजनीतिक दल घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष के 10 जनवरी के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.
शिंदे गुट की याचिका पर महाराष्ट्र विस अध्यक्ष को नोटिस
बंबई हाई कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की याचिकाओं पर बुधवार को नार्वेकर और उद्धव ठाकरे समूह के 14 विधायकों को नोटिस जारी किया. जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय को भी नोटिस जारी किया और सभी प्रतिवादियों को याचिका पर हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया. पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तारीख निर्धारित कर दी.
स्पीकर ने उद्धव ठाकरे गुट की याचिका कर दी थी खारिज
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी ठाकरे गुट की याचिका भी खारिज कर दी थी.