नयी दिल्ली: भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने की शिकायत की है. उन्होंने मोइत्रा के खिलाफ जांच समिति गठित करने और सदन से तत्काल निलंबित करने की मांग की है. उनका आरोप है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली है. उन्होंने दावा किया है कि दोनों के बीच नकद और उपहारों के रूप में आदान-प्रदान हुए हैं. उन्होंने एक वकील के शोध कार्य का हवाला देते हुए लिखा है कि मोइत्रा ने हालिया 61 में से 50 सवाल बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने के लिए पूछे. उनके सवाल अक्सर एक अन्य व्यापारिक समूह, अदाणी समूह, पर भी केंद्रित रहे. उन्होंने दावा किया कि हीरानंदानी समूह अदाणी समूह के खिलाफ व्यापारिक बोलियां लगा रहा था.
डॉ निशिकांत दुबे ने लिखा है कि लोकसभा में प्रश्न पूछने के बदले एक व्यवसायी से धन जुटाने और दूसरे व्यावसायिक समूह को निशाना बनाने का प्रयास किया गया है. जानबूझकर किये गये ऐसे आचरण से स्पष्ट हो गया है कि महुआ मोइत्रा नैतिकता का प्रदर्शन करती हैं, लेकिन वह खुद एक आपराधिक साजिश में शामिल हैं. उन्होंने चौदहवीं लोकसभा के दौरान 12 दिसंबर, 2005 के इसी तरह के एक प्रकरण में उठाये गये कदम और की गयी कार्रवाई का हवाला देते हुए जांच समिति का गठन करने की मांग की. डॉ निशिकांत दुबे ने पत्र में लिखा कि जब भी संसद सत्र होता है, मोइत्रा व सांसद सौगत राय के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की ‘चिल्लाने वाली ब्रिगेड’ किसी न किसी बहाने से हर किसी के साथ लगातार अमर्यादित व्यवहार कर सदन की कार्यवाही को बाधित करने की आदत रखती है.हैरान करने वाली इस रणनीति के तहत महुआ अन्य सदस्यों के बहस करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं, जबकि अन्य सांसद आम लोगों के मुद्दों और सरकार की नीतियों पर चर्चा करना चाहते हैं.
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सांसद महुआ मोइत्रा ने पलटवार करते हुए ‘एक्स’ पर कई संदेश पोस्ट किये. लोकसभा अध्यक्ष को टैग करते हुए उन्होंने लिखा कि झूठे हलफनामे के लिए डॉ दुबे के खिलाफ जांच पूरी करें और फिर मेरे खिलाफ जांच के लिए समिति गठित करें. उन्होंने अदाणी समूह पर ताजा हमला बोला. उन्होंने कहा: अदाणी के विदेशों में धन लेन-देन, बढ़ा चढ़ाकर ‘इनवॉइसिंग’, बेनामी खातों की जांच पूरी होने के तुरंत बाद मेरे कथित धनशोधन की सीबीआइ (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच का भी स्वागत है. अदाणी प्रतिस्पर्धा को कुचलने और हवाईअड्डे खरीदने के लिए भाजपा की एजेंसियों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन ऐसा मेरे साथ करने का प्रयास करें.
उन्होंने कहा: फर्जी डिग्रीवाला और भाजपा के अन्य दिग्गजों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के कई मामले लंबित हैं. लोकसभाध्यक्ष द्वारा उनके निबटारे के तुरंत बाद मेरे खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है. साथ ही मेरे दरवाजे पर आने से पहले अदाणी कोयला घोटाले में इडी और अन्य द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने का इंतजार कर रही हूं.