भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर के बीच पीक पर हो सकती है, लेकिन वायरस का अगर कोई नया वैरिएंट नहीं आया तो इसकी तीव्रता खतरनाक नहीं होगी. यह कहना है आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिक मानिंद्र अग्रवाल का. जबकि गृहमंत्रालय की एक कमेटी ने कोरोना थर्ड वेव को खतरनाक बताया है.
मानिंद्र अग्रवाल विशेषज्ञों की उस तीन सदस्यीय टीम का हिस्सा हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण की स्थिति और उसके बढ़ने की संभावनाओं पर भविष्यवाणी करने का काम सौंपा गया है. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार मानिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि अगर कोरोना वायरस का नया वैरिएंट सामने नहीं आता है तो वर्तमान परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है.
Status Quo is when no new mutant comes and New Variant is when 50% more infectious mutant comes by September. As one can see, the only scenario with some semblance of third wave is New Variant one for epsilon = 1/33. In this scenario, new cases rise to ~1 lakh per day. pic.twitter.com/ECNLGgWjLs
— Manindra Agrawal (@agrawalmanindra) August 29, 2021
वर्तमान स्थिति में अगर कोरोना चरम पर जाता है तो प्रतिदिन के हिसाब से एक लाख केस सामने आ सकते हैं, जबकि दूसरी लहर में प्रतिदिन के हिसाब से चार लाख केस आते थे. मानिंद्र अग्रवाल ने पहले भी कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर देश में उतनी घातक नहीं होगी.
गृहमंत्रालय की एक कमेटी ने पीएमओ को एक रिपोर्ट सौंपा है जिसके अनुसार कोरोना की तीसरी लहर देश में खतरनाक तरीके से फैल सकती है और इसके प्रभाव में बच्चे और युवा ज्यादा आ सकते हैं. रिपोर्ट में बच्चों के इलाज के लिए व्यवस्था करने को कहा गया है.
मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डाॅ त्रेहन ने सभी राज्यों द्वारा स्कूलों को खोलने पर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि जब देश में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है और कोरोना थर्ड वेव का खतरा है, तो आखिर हम स्कूलों को खोलने के लिए इतना बेचैन क्यों हो रहे हैं, क्या हम कुछ महीने रूक नहीं सकते?
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Posted By : Rajneesh Anand