कोच्चि : मणिपुर में हिंसक भीड़ के द्वारा उनके घर पर हमला कर दिये जाने के बाद केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह ने केरल के सारे अपने निर्धारित कार्यक्रम शुक्रवार को रद्द कर दिए. इसके बाद वे मणिपुर के लिए रवाना हो गए. उन्होंने कहा कि इस पूर्वोत्तर राज्य में संघर्ष सांप्रदायिक नहीं, बल्कि दो समुदायों के बीच गलतफहमी का नतीजा है. उन्होंने कहा कि भीड़ ने उनका ही घर फूंक दिया और यह कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैं भ्रष्ट नहीं हूं
कोच्चि में मीडिया से बातचीत करते हुए विदेश राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह ने कहा कि मेरा ही घर फूंक दिया गया. यह मेरी मेहनत की कमाई की थी. मैं भ्रष्ट नहीं हूं. इस सरकार में कोई भ्रष्ट नहीं है. यदि यह धार्मिक मामला होता, तो मैं हिंदू हूं और हमलावर भी हिंदू ही थे. इसलिए यह धार्मिक मामला नहीं है. यह भीड़ है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन मई को जब मणिपुर में संघर्ष शुरू हुआ था, तब से ही वह हिंसा रोकने और शांति बहाल करने की चेष्टा कर रहे हैं.
दो समुदायों की गलतफहमी का नतीजा
केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह ने कहा कि पिछली रात मणिपुर में मेरे निवास पर घटना घट गयी. मैं तीन मई से ही हिंसा रोकने और शांति बहाली की चेष्टा कर रहा हूं. यह दो समुदायों के बीच गलतफहमी है. सरकार ने शांति समिति गठित की है, बात आगे बढ़ रही है. बुद्धिजीवी समाज के नेता बैठक कर रहे हैं. भाजपा नेता सिंह ने इस घटना के बाद केरल में अपने कार्यक्रम रद्द कर दिये और वह गृह राज्य मणिपुर रवाना हो गए.
गुरुवार रात को भीड़ ने केंद्रीय मंत्री के घर में लगाई आग
मणिपुर पुलिस के अनुसार, सुरक्षाकर्मियों एवं दमकलकर्मियों ने गुरुवार रात को भीड़ द्वारा आग लगाये जाने के प्रयास को नियंत्रित कर लिया तथा मंत्री का घर (पूरी तरह) जलने से बचा लिया. इस घटना से पहले मणिपुर शहर में बृहस्पतिवार दोपहर में मणिपुर के त्वरित कार्यबल और भीड़ के बीच झड़प हुई थी और दो मकानों में आग लगा दी गयी थी. अधिकारियों के अनुसार बृहस्पतिवार देर शाम घूम रही भीड़ सुरक्षाबलों के साथ भिड़ गयी थी.
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पूर्वी इंफाल में चली गोलियां
इंफाल पूर्वी जिले में शुक्रवार तड़के तक गोलियां चलने की आवाज सुनाई दे रही थी, क्योंकि सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और नकली बम विस्फोट किए. स्थानीय लोग बुधवार को नौ नागरिकों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अबतक 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. उनमें नौ लोगों की मौत बुधवार को हुई थी.