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Manmohan Singh Death: डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी शिक्षा से कैसे बदली भारत की तकदीर?

Manmohan Singh Death: पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री ली. फिर उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल की डिग्री ली.

Manmohan Singh Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार देर रात निधन हो गया है. लंबे समय से बीमार चल रहे मनमोहन सिंह को देर शाम दिल्ली AIIMS में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. जहां 92 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. साल 2006 में उनकी दूसरी बाईपास सर्जरी हुई थी.इसी के बाद से ही उनकी तबियत खराब चल रही थी. प्रधानमंत्री के पद पर आसीन होने से पहले वह देश के लिए कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके थे. उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था. ऐसे में आइए अर्थशास्त्री से प्रधानमंत्री बनने के सफर के बारे में जानते हैं.

भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री के रूप में काम किया. वह प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, पीएम इंदिरा गांधी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद चौथे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे. इसके अलावा, वह ऐसे पंडित नेहरू के बाद दूसरे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला. वह देश के प्रथम सिख प्रधानमंत्री थे. वहीं पीएम बनने से पहले साल 1998-2004 के बीच राज्यसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में कार्य किया.

प्रधानमंत्री रहते हुए उनके बड़े फैसले

  • शिक्षा का अधिकार कानून, 2009
  • सूचना का अधिकार, 2005
  • मनरेगा, 2005
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून, 2013
  • भूमि अधिग्रहण कानून, 2013

भारत में आर्थिक सुधार का जनक

साल 1991, पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में डॉ. मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री देश की सेवा की थी. उन्हें भारत में उदारीकरण और आर्थिक सुधार का जनक माना जाता है. जब देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था तो उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण की नीति लाकर भारतीय अर्थव्यवस्था के नए युग का सूत्रपात किया. जिसके जरिए भारत में औद्योगिक लाइसेंसिंग, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, व्यापार नीति और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया.

कई महत्वपूर्ण पदों पर चुके थे काम

प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से पहले डॉ. मनमोहन सिंह ने 1970 से 1990 के बीच देश के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके थे.

  • 1971 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में बतौर आर्थिक सलाहकार के रूप में काम किया था.
  • 1972 से 1976 के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया था.
  • 1982 से 1985 तक RBI के गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला था.
  • 1985 से 1987 तक वह योजना आयोग के प्रमुख रह चुके थे.
  • 1990 से 1991 तक डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार रह चुके थे.
  • पहली बार 1991 में उन्हें असम से राज्यसभा सांसद चुना गया था. जिसके बाद से वह साल 1995, 2001, 2007, 2013 में भी राज्यसभा सांसद रहे.

पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह को मिल चुके हैं इतने अवॉर्ड्स

पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह को साल 1987 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण, साल 1993 से 1994 के बीच सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए एशिया मिनी अवॉर्ड से नवाजा गया था. साथ ही साल 1993 में सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके थे.

पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की शैक्षणिक सफर

  • पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री ली. फिर उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल की डिग्री ली.
  • पूर्व प्रधानमंत्री ने पढ़ाई के बाद पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बतौर प्रोफेसर के रूप में काम किया. साथ ही 1996 से 1969 के समय संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए आर्थिक मामलों के अधिकारी भी नियुक्त हुए थे.

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