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क्या है ‘मार्स क्लोज एप्रोच’ जिसमें मंगल ग्रह नंगी आंखों से दिखता है

इस घटना को वैज्ञानिक मार्स क्लोज एप्रोच कहते हैं. ये टर्म इसलिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इस दिन मंगल ग्रह पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब होता है.

धरती में रहने वाले आम लोग हों या फिर वैज्ञानिक, दिलचस्पी केवल चांद में नहीं होती. लोगों की दिलचस्पी मंगल ग्रह को लेकर भी बहुत है. कई सालों से अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े संगठन यहां जीवन की संभावना तलाशने के लिए मिशन भेजते रहे हैं. इसी मंगल ग्रह से जुड़ी एक बेहद ही दिलचस्प घटना 6 अक्टूबर की रात को दिखाई देगी.

मार्स क्लोज एप्रोच कहलाती है ये घटना

इस घटना को वैज्ञानिक मार्स क्लोज एप्रोच कहते हैं. ये टर्म इसलिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इस दिन मंगल ग्रह पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब होता है. ये अद्भुत खगोलीय घटना प्रत्येक दो साल के अंतराल में दिखाई पड़ती है. अगली बार ये घटना 2022 में दिखाई पड़ेगी.

पृथ्वी से 38.6 मिलियन मील दूर होगा मंगल

मंगलवार 6 अक्टूबर की रात को मंगल ग्रह धरती से 38.6 मिलियन मील दूर होगा. आमतौर पर लोगों में ये भ्रांति है कि इस दिन मंगल चांद जितना बड़ा दिखाई पड़ता है लेकिन ये सच नहीं है. यदि किसी को इस खगोलिय घटना का दीदार करना है तो टेलिस्कोप की मदद लेनी होगी. यदि किसी शहर में तारा घर या एस्टोनॉमी सेंटर है तो लोग वहां से भी देख सकते हैं.

मार्स क्लोज एप्रोच के तहत साल 2003 में मंगल, पृथ्वी के सबसे नजदीक था. तब इसकी दूरी महज 34.8 मिलियन मील थी. 59,619 साल बाद ये मौका आया था. भविष्य में मंगल पृथ्वी के इतने नजदीक साल 2287 में आयेगा.

पिछली बार 31 जुलाई 2018 को पास था मंगल

पिछली बार मार्स क्लोज एप्रोच की ये खगोलीय घटना 31 जुलाई 2018 को हुई थी. नासा ने मई 2018 में अपना मिशन मंगल लांच किया था. मिशन लांच करने की वजह ये थी कि मंगल गृह, धरती के नजदीक था. कहा जाता है कि पृथ्वी और मंगल के बीच अंडाकार घूर्णन पथ होने की वजह से प्रत्येक 2 साल बाद ये अद्भुत खगोलीय घटना होती है.

Posted By- Suraj Kumar Thakur

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