MBBS: देश के सभी एमबीबीएस डॉक्टरों का एक डेटाबेस तैयार होगा. इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन का नेशनल मेडिकल रजिस्टर शुरू किया गया है. नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 के सेक्शन 31 के तहत नेशनल मेडिकल रजिस्टर बनाना जरूरी है. इस रजिस्टर में मान्यता प्राप्त सभी डॉक्टरों का नाम, पता और डिग्री की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होना जरूरी है. नेशनल मेडिकल रजिस्टर डॉक्टरों के आधार कार्ड से जुड़ा होगा ताकि फर्जीवाड़ा की आशंका नहीं हो. शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने पाेर्टल को शुरू करते हुए कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के कठिन प्रयास से यह काम पूरा हुआ है. देश के सभी एलोपैथिक डॉक्टरों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को डिजिटली सशक्त बनाने के विजन को पूरा करने में यह कदम मददगार साबित होगा. साथ ही देश में एक मजबूत हेल्थ इकोसिस्टम तैयार होगा और लोगों को गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में मदद मिलेगी. समय-समय पर नेशनल मेडिकल रजिस्टर पोर्टल को अपग्रेड किया जायेगा.
देश में डॉक्टरों की संख्या पता लगाने में मिलेगी मदद
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि मौजूदा समय में देश में डॉक्टरों का समग्र डेटाबेस नहीं है. यह पता लगाना मुश्किल हाेता था कि कितने डॉक्टर देश छोड़ गये, कितनों का लाइसेंस रद्द हुआ या कितने डॉक्टरों की मौत हो गयी. लेकिन नेशनल मेडिकल रजिस्टर पोर्टल से देश के 13 लाख से अधिक डॉक्टरों का समग्र डेटाबेस सरकार के पास रहेगा. यह पोर्टल हेल्थकेयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री का हिस्सा होगा और डिजिटल आयुष्मान भारत मिशन के तहत काम करेगा. पंजीकरण की प्रक्रिया काफी आसान बनायी गयी है और देश के सभी मेडिकल कॉलेज इस पोर्टल से जुड़ा होगा. इस पोर्टल पर डॉक्टरों से संबंधी कुछ जानकारी आम लोग हासिल कर सकते हैं. जबकि अन्य जानकारी नेशनल मेडिकल कमीशन, स्टेट मेडिकल कमीशन, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन के लोगों के लिए उपलब्ध होगा.