अग्नि -5 मिसाइल की खासियत
एमआईआरवी प्रौद्योगिकी के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है. इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि इसे सड़क के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है. इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी.
Mission Divyastra: भारत सरकार के सूत्र ने बताया, भारत ने आज मिशन दिव्यास्त्र का परीक्षण किया. अग्नि -5 मिसाइल मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित पहला उड़ान परीक्षण है.
मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ एमआईआरवी क्षमता वाले देशों के समूह में शामिल हो गया भारत
मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है. यह प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और हाई एक्यूरेसी सेंसर पैकेजों से सुसज्जित है. यह क्षमता भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति की प्रतीक है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिशन दिव्यास्त्र के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ वैज्ञानिकों को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, भारत ने आज मिशन दिव्यास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया – मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण और उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया जिनके पास एमआईआरवी (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री) क्षमता है.
गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बधाई दी और ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, हमारे राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण दिन. स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल के पहले उड़ान परीक्षण, सफल मिशन दिव्यास्त्र के लिए वैज्ञानिक और नागरिकों को बधाई.