वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट 2022 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित कार्यक्रम है. जब भी अनुदान की अनुपूरक मांग की जाती है हम फंड देते हैं.
आज भारत में हर गांव का विद्युतीकरण किया गया है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके शासन के दौरान ‘अंधकाल’ प्रचलित था, जबकि अब हर घर में हर गांव में बिजली है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न बने, यह ‘अमृत काल’ का ही संकेत है. वित्त मंत्री ने कहा कि 2020-21 में कोविड-19 की वजह से जीडीपी में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आयी. शहरों में बेरोजगारी घटकर महामारी-पूर्व के स्तर पर आ गयी है. बैंकों ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत एमएसमएई क्षेत्र को 3.10 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर मंजूर किये. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को 2015 में पेश किया गया था. तब से इस योजना के तहत 1.2 करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है
वहीं केंद्रीय बजट 2022 पर हुई चर्चा में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बजट को ‘हवाबाजी’ करार देते हुए कहा कि इसमें महंगाई रोकने, गरीबों के कल्याण और रोजगार सृजन जैसे विषयों पर एक भी शब्द नहीं है और यह गरीबों, मजदूरों एवं किसानों के साथ किया गया ‘क्रूर मजाक’ है.
वहीं सत्तापक्ष की ओर से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि देश में पहली बार दूरगामी और भविष्य की सोच वाला बजट आया है. चौधरी ने लोकसभा में 2022-23 के केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के कुछ सदस्यों द्वारा प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘‘बिना सोचे-समझे नेहरूजी के खिलाफ नहीं बोलें.