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साइबर क्राइम पर मोदी सरकार सख्त, 20 जुलाई को हो सकता है कोई बड़ा फैसला

भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने आरबीआई और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन यानी 20 जुलाई को तलब किया है. संसद की वित्त पर गठित समिति ने इसी दिन इस मुद्दे पर गूगल इंडिया के प्रतिनिधियों को भी अलग से बुलाया है.

नई दिल्ली : भारत में होने वाले साइबर क्राइम पर लगाम लगाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार सख्त हो गई है. खबर है कि साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति संसद के मानसून सत्र से पहले 20 जुलाई को एक अहम बैठक करने जा रही है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और लेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (आईटी) मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी, जिसमें साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके लिए संसदीय समिति ने 20 जुलाई को आरबीआई और आईटी मंत्रालय के अधिकारियों को तलब किया है. हालांकि, समिति इस मुद्दे पर पहले ही कई तकनीकी कंपनियों के प्रतिनिधियों से पूछताछ कर चुकी है.

संसदीय समिति ने गूगल इंडिया के प्रतिनिधियों को भी किया तलब

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने आरबीआई और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन यानी 20 जुलाई को तलब किया है. संसद की वित्त पर गठित समिति ने इसी दिन इस मुद्दे पर गूगल इंडिया के प्रतिनिधियों को भी अलग से बुलाया है.

पहले भी गूगल, एप्पल, पेटीएम के साथ हो चुकी है बात

रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने साइबर सुरक्षा, साइबर और ऑनलाइन अपराधों पर पिछली बैठक में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों (गूगल, एप्पल और पेटीएम) के प्रतिनिधियों के विचार जानने के लिए उन्हें तलब किया गया था. यह मुद्दा पिछले महीने हुई समिति की बैठक में भी चर्चा के केंद्र में था. उद्योग जगत के विशेषज्ञों से धोखाधड़ी वाले ऋण आवेदनों सहित गैरकानूनी गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं के बारे में पूछताछ की गई थी.

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एक जून को भी हुई थी बैठक

बताते चलें कि साइबर सिक्योरिटी, साइबर क्राइम और व्हाइट कॉलर क्राइम की बढ़ती घटनाओं को लेकर बीते एक जून को भी जयंत सिन्हा वाली संसदीय समिति ने बैठक की थी. इस बैठक में चेस इंडिया, रेजरपे, फोनपे, सीआरईडी और क्यूएनयू लैब्स के साथ-साथ एक प्रमुख व्यापार निकाय नैसकॉम और भारत में तकनीकी उद्योग के चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि शामिल थे. इस बैठक में सांसदों ने उद्योग के विशेषज्ञों से धोखाधड़ी लोन ऐप सहित गैरकानूनी गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं के बारे में जवाब-तलब किया था. जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, सौगत रॉय, सुशील मोदी और अमर पटनायक सदस्य के तौर पर शामिल किए गए हैं.

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