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Money Laundering Case: ईडी ने अभिनेत्री तमन्ना भाटिया से की पूछताछ, बीटिंग ऐप से जुड़ा है मामला

Money Laundering Case: बॉलीवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘एचपीजेड टोकन’ मोबाइल ऐप से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में गुरुवार को पूछताछ की.

Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि तमन्ना भाटिया (34) का बयान एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया. ऐप के जरिये, ‘बिटकॉइन’ और कुछ अन्य ‘क्रिप्टोकरेंसी’ के रूप में अत्यधिक रिटर्न दिलाने के बहाने कई निवेशकों से कथित तौर पर ठगी की गई थी.

तमन्ना भाटिया को मामले में नहीं बनाया गया है आरोपी

तमन्ना भाटिया को ऐप कंपनी के एक कार्यक्रम में सेलिब्रिटी के रूप में शामिल होने के लिए कुछ धनराशि मिली थी और उनपर मामले में उनकी संलिप्तता होने का कोई आरोप नहीं है. अभिनेत्री को पहले भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने काम के कारण इसे टाल दिया था और गुरुवार को उपस्थित होने का निर्णय लिया था. मामले में मार्च में ईडी द्वारा दाखिल आरोपपत्र में कुल 299 इकाइयों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें 76 चीन नियंत्रित इकाइयां हैं, जिनमें 10 निदेशक चीनी मूल के हैं जबकि दो इकाइयां अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित हैं. इन लोगों को इस साल मार्च में दाखिल ईडी के आरोपपत्र में नामजद आरोपी बनाया गया है.

लोगों को ऐप के माध्यम से बनाया जाता था ठगी का शिकार

धन शोधन का यह मामला कोहिमा पुलिस के साइबर अपराध प्रकोष्ठ की प्राथमिकी से उपजा है, जिसमें विभिन्न आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन आरोपियों पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के रूप में अत्यधिक रिटर्न दिलाने का वादा करके भोले-भाले निवेशकों से ठगी करने का आरोप है. पुलिस ने कहा कि निवेशकों से ठगी करने के लिए आरोपियों ने ‘एचपीजेड टोकन’ मोबाइल फोन एप्लीकेशन (ऐप) का इस्तेमाल किया था. एजेंसी ने कहा कि अपराध से हासिल धन को छिपाने के उद्देश्य से फर्जी निदेशकों वाली विभिन्न फर्जी कंपनियों द्वारा बैंक खाते और मर्चेंट आईडी खोले गए थे.

57,000 रुपये के निवेश पर प्रतिदिन 4000 रुपये का रिटर्न देने का किया गया था वादा

दावा किया कि ये धन अवैध ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी तथा बिटकॉइन बनाने के लिए निवेश के वास्ते धोखाधड़ी कर प्राप्त किए गए थे. ईडी ने कहा कि 57,000 रुपये के निवेश पर तीन महीने तक प्रतिदिन 4,000 रुपये का रिटर्न देने का वादा किया गया था, लेकिन केवल एक बार ही पैसे का भुगतान किया गया. ईडी ने कहा कि इस मामले में देश भर में छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप 455 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और बैंक में जमा राशि जब्त की गई.

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