Monkey pox: दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स वायरस के मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक चिंता का कारण बताते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा करार दिया है. मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे और मौजूदा स्थिति को देखते हुए शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने एक समीक्षा बैठक की. बैठक में मंकीपॉक्स की स्थिति और उससे निपटने के तैयारियों पर विस्तार पर चर्चा की गयी. हालांकि देश में अभी तक मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश
मंकीपॉक्स से निपटने के लिए विशेष सतर्कता बरतने, एयरपोर्ट, बंदरगाह और दूसरे देशों से लगने वाली सीमाओं पर स्वास्थ्य केंद्र को तैयार करने, टेस्टिंग लैब को तैयार करने के अलावा अन्य जरूरी कदम कदम उठाने का निर्देश दिया गया. बैठक में यह भी बताया गया कि मंकीपॉक्स संक्रमण 2-4 हफ्ते से अधिक नहीं रह सकता है और रोगी को उचित इलाज से ठीक किया जा सकता है. यह संक्रमण रोगी के सीधे संपर्क में आने, रोगी के कपड़े पहनने से होता है.डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस की अध्यक्षता में ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक में विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञ बैठक में शामिल हुए. बैठक में बताया गया कि आने वाले समय में देश में मंकीपॉक्स के मामले सामने आ सकते है. लेकिन इसे लेकर अफवाह की बजाय सावधानी और तैयारी को विशेष प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया. इस विषय में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने पर भी विचार किया गया.
सार्वजनिक स्वास्थ्य के समक्ष बताया है चुनौती
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य के समक्ष गंभीर खतरा करार दिया था, लेकिन मई 2023 में इस चेतावनी को वापस ले लिया था. वैश्विक स्तर पर 2022 के बाद मंकीपॉक्स के 99176 मामले सामने आये और 208 लोगों को जान गंवानी पड़ी. यह रोग दुनिया के 116 देशों में पाया गया. विश्व संगठन की वर्ष 2022 में घोषणा के बाद से मार्च 2024 तक भारत में मंकीपॉक्स के 30 मामले सामने आये हैं.