देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी और लू की स्थिति बनी हुई है. बारिश नहीं होने से तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इस बीच मानसून को लेकर जो खबर सामने आ रही है, वह लोगों के लिए अच्छी नहीं है. ऐसी संभावना जतायी जा रही थी कि मानसून रविवार को केरल में दस्तक दे सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसमें तीन से चार दिन की और देरी होने की आशंका जतायी है.
एक जून को ही केरल में दस्तक देता है मानसून
दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर एक जून को केरल में दस्तक देता है और इसकी शुरुआत सात दिन पहले या सात दिन बाद हो सकती है. मई के मध्य में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा था कि मानसून 4 जून तक केरल में दस्तक दे सकता है. लेकिन आईएमडी ने रविवार को एक बयान में कहा, दक्षिण अरब सागर के ऊपर पश्चिमी हवाओं में वृद्धि के साथ स्थितियां अनुकूल हो रही हैं. साथ ही, पश्चिमी हवाओं की गहराई धीरे-धीरे बढ़ रही है और आज, 4 जून को पश्चिमी हवाओं की गहराई औसत समुद्र तल से 2.1 किलोमीटर ऊपर तक पहुंच गई. उसने कहा, दक्षिणपूर्व अरब सागर पर बादल का द्रव्यमान भी बढ़ रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि केरल में मानसून की शुरुआत के लिए इन अनुकूल परिस्थितियों में अगले तीन-चार दिनों के दौरान और सुधार होगा. इसकी लगातार निगरानी की जा रही है और कल (सोमवार) आगे की अद्यतन जानकारी प्रदान की जाएगी.
मानसून की शुरुआत में देरी से खरीफ की बुआई में नहीं पड़ेगा असर
वैज्ञानिकों ने कहा कि हालांकि, मानसून की शुरुआत में इस देरी से देश में खरीफ की बुआई और कुल बारिश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई, 2021 को केरल पहुंचा था. आईएमडी ने पहले कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है. उत्तरपश्चिम भारत में सामान्य से लेकर सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है.
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