क्या मानसून के आने में और देरी हो सकती है? ऐसी संभावना मौसम वैज्ञानिक जता रहे हैं. 1 जून को केरल में मानसून के आगमन की सामान्य तारीख है. लेकिन भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 4 जून को इसके आगमन की भविष्यवाणी की है. यानी मानसून कुछ देर से इस बार देश में प्रवेश करेगा.
मौसम विज्ञानियों ने जो स्टडी की है वो इस ओर इशारा कर रही है कि अरब सागर में चक्रवात के आसार बन रहे हैं, जिसकी चपेट में मानसून आ सकता है. बदली हुई परिस्थिति में बिहार-यूपी में मानसून के आने में सात से आठ दिन की देरी देखने को मिल सकती है. यानी बिहार को अभी लू का सामना करना पड़ेगा. आपको बता दें कि बिहार के कई इलाकों में पारा 40 डिग्री के पार चला गया है.
मौसम विभाग की मानें तो, मानसून को 22 से 26 मई तक अंडमान निकोबार द्वीप समूह को पार कर बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ जाना चाहिए था, लेकिन यह 31 मई को पहुंचा है. इस तरह देखा जाए तो मानसून सामान्य गति की तुलना में लगभग एक सप्ताह देर से चल रहा है.
मौसम पर काम करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने भी मानसून की स्थिति को लेकर जानकारी दी है. मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत का मानना है कि अरब सागर में बनने वाले चक्रवात की दिशा आमतौर पर ओमान की ओर होती है, लेकिन भारत में भी इसका असर रहता है. इस चक्रवात की वजह से भारतीय महाद्वीप की नमी युक्त हवाएं रुक जाती हैं, जिससे मानसून में रुकावट पैदा हो जाती है.
मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत की मानें तो केरल के बाद कर्नाटक एवं महाराष्ट्र के सीमावर्ती भागों में मानसून लगातार आ सकता है, लेकिन उसके आगे तमिलनाडु, तेलंगाना आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के शेष हिस्सों के साथ अन्य राज्यों में प्रवेश से पहले मानसून की गति सुस्त नजर आ सकती है. ऐसे में एक सप्ताह तक देर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
मौसम विभाग के अनुसार, केरल में मानसून की दस्तक के बाद ही बिहार-यूपी समेत अन्य राज्यों में इसके पहुंचने का आकलन किया जा सकता है. इस बीच केरल में प्री-मानसून की बारिश हो रही है.